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________________ Jain Education · श्रानुखी श्रं श्रभाना (समयनी स्थि मयटि ईए उच्प्रागुपुइँउ जावावा सम्यग्टईयाउ प्रागुपुडी उपसं माय: श्रानुपूर्वा (ए एकसमय ना राहणारा पूवर्ण सिमराना राणा लात भूरामा सुरवि त (धागा) खज्ज समय दिई याउ प्राण पुडीउ एगसमय दिई या उपुत्री उ एम. ते सो निगम सनहार नयनरम १. का पनी परुपाए श्री श्री पूर्खा / जागत से सेपाता समय नास्थि तिना जेद्रव्यधरणाति धरणा पय पचए समय निईयाउग्रवत्तत्यार सतां गम वाराणं ७५.ग्रप दनीपरपराएं/ किं. की स्प· भं भागाना समु कीर्तन प्रयोजन याएयाएाए गम हा १२ व गया ए किंपा यायो भंग समु ए.एस. ना गमय. व्यवहार नयनरम
SR No.650032
Book TitleAnuyogadwara Sutra
Original Sutra AuthorAryarakshit
Author
PublisherSujalpur
Publication Year1851
Total Pages412
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_anuyogdwar
File Size168 MB
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