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________________ ३ ईशएपिएनमा रहे। एकचक जे] सतसहसपुरुघन मुनी कारयसारि चाण २५ ईमचिती नाटकी न बने गोएछकी नंतरीन रोमादित प्रावीतवरूपिनिकर जोमी यसरीज १६ परिदिनपतिश्रावी जी मोदक विहरी जा ज्या अरहा परहा शिक्षा न परमा ममतथा ज्ये १० एम गानिले ईलाम मु नव तिहाघीवलीने न्यानकमुनीच घी डालशे रसगृहमालली आणेिश सर्वगाधा शहा विश्वकर्मान में दिशा दिनप्रतिमोदकपंच चिहरीते मुनी दरवलई नकरइनितिमलच नाटकोन निजपुत्री के सि एन एक परमाघ काम कुलसमयी जिम तिमक र ज्याधि र परसातिवली वसि सोलकर सियागार काम कटाराम मेकरोल रतार मध्या मुनिश्राविजे विहरणाला सोय ग्राम कोमलकुन्या होय घटाल नराणानी देसी कुक करे काम ना जामगरीब मोहनीया तेरे बिनानना धरुजी पालवढालधरीलाई रितिया मो० १ लमू कमान चढाय करे बरमती लोचन बालि मो तुवनसुंदरी जय सुंदरीरे बोले सीवाणि मो० २ तइमनमोहिनटेकरे साहिबसुरताणि मो० उम ३
SR No.650031
Book TitleAashadbhuti Sutra
Original Sutra AuthorGyansagar
Author
PublisherAhmedabad
Publication Year1856
Total Pages24
LanguageHindi
ClassificationManuscript
File Size11 MB
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