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________________ पिकले घम कोमा फि रजा व छापणार मोदिक मुरमाचारय। ६२मकची निंदो से। जघुशिष्यादि क संघलाइ मुनीने श्री गुरु साह जे सियाण ॥॥एमविचारी विद्यानिबलि अवररुप मुनिका धन प्रति कालो निए कए गिरोमो धर दधन प्राण प्रवर साधदे पीनाटकी विहरविंवली लागू रसलए 18 मीठाईनम घरबाहिरयावानचित मंदिर माया दिन बमदे साधा तिसावया पर नाटक पीजी जामे दिकते ह निम्मुनिचित मुगुरुलाई नई एलासिएहन।ाणी चनरुप करिनं चावर मावी आमिंका। जिमणि करीटुदइ जईदी धनाधर्मलाल रोड 01 201 मोदक विहरी निनीवली डी चित मोएमविमास | ला मुतोले जो पलक शिष्ठमनिवास १२ वृद्ध साधन ली विद्यारूप करितमनादत विनापोलम्रपाली बिबाचनमा घा१शलपाल मिक्लालील रीना का करत माधारते मगमगल उपगला धरती आग विश्वकर्मा नाटकी व बिगृहस्वामी नव ररूप करत नानरपी) रहिन मनिकौतक पोमी १४ जिमसरन क्षत्री नईजो
SR No.650031
Book TitleAashadbhuti Sutra
Original Sutra AuthorGyansagar
Author
PublisherAhmedabad
Publication Year1856
Total Pages24
LanguageHindi
ClassificationManuscript
File Size11 MB
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