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रश्यप विदियं समारसमाव उणातिरिकामियां विदियसंसारममा दया जीपणा पनवरा मासाविदियससारसमाः गाथादव पंचिदियस सारस श्रीधरण सकितानर|| वातस्य एाप्पा विए २३या सक्करपलापुट विरइया वालुपता || विनिश्श्या कंपनाविशार३या। धूमपलाड विरार या तमसावि र श्या। तमतम साठविणार ॥तसमासविदायि · गोप्रपद्येत्र गाया सारयामास किंत पांच दियति। गणियारति विद्याल यरपंचिदियतिरिरकाजा पियाघलयरपंचिंदिय तिरिरकाका हृदय स्पंविदिय तिरिरकाजा]]] लिया। गस कितंजलयरप विंदियतिरियामा लिया। ऊलयरपंविदियति रिकाडा शियापंचविदा पत्रात मादागादागमारास कितमचा मचा गविदास साजिदा समचार वामनाविशिष्टिय मञ्च) इलिम बाम गरिमारा हि यमचा दली सागरागागरा घडाघडगरातमा मिलाएकोमा कणिकाम | सालिसश्चियाम) गोण्डा गाव मागा तिण्डा गाजियाबाद गोरा समास किंतक चला। कलाऽविदा
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