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________________ 2 रिशता विमव्यका परिणामा वि।गरुयफामपरिणत विलय फास परिणता विमान फासपरिमाता वि यत्र वा उमिशा फासणारा विघफास परिशाता विलुरकफासंघ राना विजयायत ठाल परियाता। वाइकालावरियाता विशाल दशापरिणाणता विशाला दिवा परिता विदा लिह व रिता विकि परिणता झिपरातादिड झिंगपरिगतादि। रसजतितरस परिणता विक5 यरस परियाता थरस परिता शिबिलर सपरिणता विमऊररसपरितविकास करक मकामपरिणता विनय कामपरिणतावि॥ गरुयका सयरिणात विलय का सपरिणता विसी तपासपरिणता दिन सिफारिशाया घफासपरिया विखरक फास परितासितवि Gaumaणासी । बस कि तंजावरणविदायगी । तं जहा संसारसमा वाम जावयवसाय से सारसमा वसा जीव पणायास किंत से सार समावणा जावल ससारसमा जाanuams विदापात्रातं सिससारसमा वाडीवान। गाटापर पर सिघ ससारसमानamaणायास किंतेशांतर सिसा रस माणजीव पाण ER 15
SR No.650030
Book TitlePannavana Sutra
Original Sutra AuthorShyamacharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages558
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size250 MB
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