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________________ + रस उतिज्ञ रस परिगताविक डुय रसपरिण नाविx १ सी यफा गंड झिरोधपरिणामा विगड झिगम्य रगताविक सायरस रिपनाविशत्र्यविवरमपरिणनाशिमररमय शिशाता वि फासन करकम फासपरिशान) विषयासपरिशता चिगरुट्टाका सपरिवाविजय फास परियाना वि शिवकास परिणामा शिखरक फास ॥ ताहि ॥ जतास से वाता त्रिकालवा परितादिकाल परिपरिमाया विशलादितमय रिए या विदा लिहा परिणायाविख। लाव कलेवरशात दिनझिरियाना) विशिगंध रिता शिरस रसपरिपाताविक सिफारमरवा बिकसायरस परिएता वि बिलासपरिगताविमिररमपरिणात्तावि। फा-साता तानि कूरकम फासपरिपाताविमय फासप (रिए) ताविरुय फास परिणता विजय फासपरिणा शिमीयफा सपरिणता विवसिताफा सपरिशाता विश्व का सपना दिवस हा ए उचर ससंग परितात व कालवरियाता विशाल व परिणता विदा लिद्दरा परिणाताविमुकि लवमा रिता विधगिरिशात विश्व झिंगंधय रिगाता विश्मन वितर सपरिशाता विक5 यरसप एता विक सायरस परिणता बिलर सपरितता मजररसपरितावि। फासाता करक मफा स०॥ ibrary org
SR No.650030
Book TitlePannavana Sutra
Original Sutra AuthorShyamacharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages558
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size250 MB
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