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________________ जिरणमा नकि "मिभारम नामाष्यविय निशिधान कि आवश्यवोकरी न बिदा करी परिगृहीतकी या दसनषय का मन कइ सिवाय त्रिपाले एवं कश्यप यादमा आपण जोडिव कर। मिधारध पत्रियनइ ते कही श्रान्या पहवी करीश्मपाकी आमा घर तिवारप की तिर जमीन लात किस महाधनव ल उझार मळया अंडा लिंकर्ड सिस्म खत्रियस्तंत माणत्रियेपञ्च पि गतितिएण मि६ा पहिराणविशेषतेकमल उष्पत्रिय । कालिप्रसाति प्रकट घनातिकालि रात्रिगईए विकस्या उत्पल लियानाको मल दल अनशन नन उन्मान 'उप्रकाश वयश्कर वक कमल० कठोर घव विक सिव जिहाल खित्रिय कल्पा उद्या यारयण। एकल पालक मलको मलु म्मिलियं मिमात्र हा हिवरपाडुरई प्रजातिकाल अशोक प्रकाशको केमूना समान उमुष बिरामी नउ मा उति प्रजात कमलाकर धवल व ऊ एक रात कृष्णन तिसमूद, फूल चांच" उरागतियांनउरामी सारी रातेंठ पद्मोत्पति पंडुरपदायात्रा सोग पास किमु यमुयमु हंगु जघरागं सरिसा कम लोयर मंड नलिनवननियां न धानक प्रहादि बंधुजीवक पुष्पा पारावाना बेबे चररणपग वेजेनयन पर नृता को अत्यंत लोचन जयानाफूलन वाद्या वबाधक विकासाकतियानश्वष विशेष 'लोवन किलाना, कोपसहित राता प्रकरसमूह हांगलू वोहा बंधुजीव गयाराव यचल रणरण परजयमुरसलोयडारण ऊस Find aun Maderas Piles नव निकरम मूढिगलउश्याध रातपण करी महिन प्रात अनुक उम्पश्धक दिवाकरइरि जिदि प्रकरमहक उश्रतिरकअधिक सोना सहितक आप मइ वसकरिवाधका दिन कर कदवार सूर्यना मरामि हिंगुल गियरातिर हतस मिरी । अहकाम गनदइए दिवाया। दीक्ष उधार २६ 4441400105
SR No.650029
Book TitleKalpa Sutra
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
Author
PublisherNagor
Publication Year1677
Total Pages234
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_kalpsutra
File Size100 MB
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