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जिरणमा नकि
"मिभारम नामाष्यविय निशिधान कि आवश्यवोकरी न बिदा करी परिगृहीतकी या दसनषय का मन
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सिवाय त्रिपाले एवं
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खित्रिय कल्पा उद्या यारयण। एकल पालक मलको मलु म्मिलियं मिमात्र हा
हिवरपाडुरई प्रजातिकाल अशोक प्रकाशको केमूना समान उमुष बिरामी नउ मा उति प्रजात कमलाकर धवल व ऊ एक रात कृष्णन तिसमूद, फूल चांच" उरागतियांनउरामी सारी रातेंठ पद्मोत्पति पंडुरपदायात्रा सोग पास किमु यमुयमु हंगु जघरागं सरिसा कम लोयर मंड
नलिनवननियां न धानक प्रहादि बंधुजीवक पुष्पा पारावाना बेबे चररणपग वेजेनयन पर नृता को अत्यंत लोचन जयानाफूलन वाद्या वबाधक विकासाकतियानश्वष विशेष 'लोवन किलाना, कोपसहित राता प्रकरसमूह हांगलू
वोहा बंधुजीव गयाराव यचल रणरण परजयमुरसलोयडारण ऊस
Find aun Maderas Piles
नव निकरम मूढिगलउश्याध रातपण करी महिन प्रात अनुक उम्पश्धक दिवाकरइरि जिदि प्रकरमहक उश्रतिरकअधिक सोना सहितक आप मइ वसकरिवाधका दिन कर कदवार सूर्यना
मरामि हिंगुल गियरातिर हतस मिरी । अहकाम गनदइए दिवाया।
दीक्ष उधार २६
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