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________________ मामास्वा कमलनिहोला कादंबककलदंसबग बलाहकजीव चकवा कलमधुर राज सारस गर्वसहितस्वरूप पांषीया दात का वनिमहित दस पापीया जवानहातीदार मागास यासरोवरदातरफ नसावर्णमयकलपगनति छमा कमलाश्ययाकायंबगबलादवककलहंससारसंगचियसजग मुह लिया धुनिताएकरीसेवाजनउपजतउसलिलपाणी पद्मनीनाकम पवेरपलयंला पाणीन नमसमूह चियमित जेहनउठ लिनीना विष ग॥ उर्विधतिया लिएकरी मातिनलाई नाम रणमिछाणसे विद्यमाणमलिलीपप्पणियोवलगाजल बिउँणियवि पि मुत एकातहत इस पद्मसरा सारावरमारे पासरावदीवायला वेश्माना) बडीमांटिगरा मयणकतापउमसरसरफहोतिरामारणानतोपुरणोचदकि परामराजकारण बा ल खपत्रास राममनोहाMIHHAT३ बल पणिजिकारणिति रणरासिमरिमसिरिवछासाहचगमणपवहामायणडलसंवयाचंचलुचाय कीसहियय लयशाश्वार विषयकर्षश्वधतळ उयमयदमाउने समूहमारीष श्रीवलसहितवमासा चिटिसि जाश्वारविषयकर्षश्वधता जलनउपाणीननमें चपलंघकीमत्य । रहावराष्ट्रमध्यताम असायदनी चयममूहयदनउबा तवपलउचानामसर लिषीयश्या कवला का लालमामान्य आपणश्नमा कलाल चनाव्या लायण आपणश्धमा कुमाल चलाया तोयमाणीयह पटापरि पवनवायाहाण्या वयलचचन कटव रंगकालाल नियम तरंगनानाकल्लोलक णिचाइमाये लिए नावडे तिणिकरी का ची ल्या राआघापावरबमामूवात उत्सर्यक जातामाराकलालालालेतरतायघडपणादयंचलियचवलमापाडतरगरगवा तिरंगरंग पाउघिरताउछलकति महिना।। अतिमुत्पाघका सोसायमान निम्लिसातकट सहकर्मितिरंगतिशासंघात विणकरीपहिलउधाव निवा अममहाकलोलजाणवा ये सबंधमेलापेक त उसटमामूाजातपड a नगारखारनाaninणियालयकामागोमागया २३... JERRESERECENSamRA MONS 3dariyaRVANISISERS ! AAA AAA tisagHASHNigaddaryala2/ARTISelfis
SR No.650029
Book TitleKalpa Sutra
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
Author
PublisherNagor
Publication Year1677
Total Pages234
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_kalpsutra
File Size100 MB
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