SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 21
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जातिकलयेहन आयाम्पमाऊयताईप वलीएकहातजस्तवित होकरीविषअदरक मेरी उमाणा उपहवंसरविष जिस्पणिवा छयतारूपपदारठ लवामाशायासबारायनपुणएसवितावाला गानयताप्रांतादिउसण भर अवसणी गईएधकाकिवार ईअरपयनश्मामकर्म गतिको नाचित्रिकर्मतिहन तियानस्थिति कयार हादसाळेराकदेणा मास्ते बिऊक नई नाक्षयकावा सिपिदिंवीकतादिसम्याधशयानामगातस्सवाकमासमथरका जानतावादमाकामया जोधकर्मनापादशन पावेयापापतियोनाम अजिार्णकाया उदय निशिकोर जिण अरिहत अववाचकवलि अथवा बलदेव अखवावास अकरणपणऊताजार तोगव्याधिको वकर्मनारमा पाषश्मामकर्मणिसामगोत्रकर्मनशकारणि नधीकीय॥३॥ रात्रावश्यम्साजिमसाउदएणीजनअरदतावाचकवहीवााबलादवावा देव अतजलि पातऊलजल्लकलदरित तालावरऊल परगकिराड वाट्याणकलर विषअघवाए कूले आया विस्पी वासुादवावाअंतपउन दरिईतिरकागकिविरणमादणकालसुवा(आयाई कूविरविषश्ग नमपतिस्प अपवा ताजकिवार पापडश्तवनिश्च सुवाकालिंसिगजतायावकामिंसुचावक मंतवावकममंतिवारनाथ श्रधिः यो नईक गांजाणाजम्ममणिरकमएणणाणिवमिसुदाणिखमितिवाणिविमिम्मतिवा जल नउपजश्नउपनामघवा सासर गाराधनाकलिनका योनिपकातीकलानी यानअनानाकराधा यातवातावरण TAINA विवा नही
SR No.650029
Book TitleKalpa Sutra
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
Author
PublisherNagor
Publication Year1677
Total Pages234
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_kalpsutra
File Size100 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy