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________________ एकल्प‍ वरजी सितएव नज्जडायरियांच्या बाया एवं ययावाचन अष्टमादित ग्लान एतावानावियाक्चना दाढी मूं बजलगर स्तनादिश्रवयवॉल व्यंजनचोकका स्तनादिक पकरणहार करदार वरजी नाव साधु गगटनवतेसाठी, जोनीकल नही तो साम व सिंगला दयावान्वा खहुएवाखहि आए वा 'एआयएए आपण वर्षाकालिरह्या साधुन ई एक उपवास करणदार पारणं साधुन ३९ पूर्वेकात हीज इसा साधुन जो पालि को (विशेषायात सा०८० पोणीद्र नकली २० वासावासंपाद्यासचिए चत्त्रियतिक्रम अयं एव इए विशास प्रज्ञातिपाश्रयकी पहिलोईड विकटमुडादिक तकादिक पात्र अंगुली नदीक नही आमो कुरा पाइकरा जस पाउ निरकम् ज्ञामविज्ञापिचाप डिगगदगस लिहिस कति निरवद कलह तिदिवस तिराइ तोजन रदेव सारिख विना पनि सरइतो नई पच्चिस धरियां तिला जोन मेकर 24 बिन सातर काजि पोलीन काजि धिरज प्राचार्यनेोविया क्व कर पदार इमं उपाध्याय नोदिया कारी, करा Chapte साना संघ विद्याप वास कम्पपि मालामा ema तपस्वी SALE आचार्य पाध्यायला नक्षुकको बीजो साधु 100
SR No.650029
Book TitleKalpa Sutra
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
Author
PublisherNagor
Publication Year1677
Total Pages234
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_kalpsutra
File Size100 MB
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