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________________ तिसाधुन ग्लानभीमाई लव १६ वर्षाकालिरह्यासाधुन नकल्य सकम्पई गिलासमा साडिगा दिए १८ वासावाशेपासवा विना ताकारी गृहस्वमी श्रावक पण प्रत्तीत्तकारिया धर्मन विषवस्तुपभिवा कार घर कीया नो साससगलान CER मराणं तरुण गाराला कडाई पशियाई विद्या विसाशिया डिकलन विष‍ यायवादीत तिसाधुननकल्प साना कण दरकुक यता तु सगला साधुमन्य नन्दसाधुमनि मांन्याजेदनई मान्मषदेषा तिलकन कर माघति बादर आधा अमुक वस्तु तिका कद सदंत इमश्रधावंत ग्टदी मोलिल्य अवा चोरी वंत साधुराणी य समयाई बमयाई नए अचित साइमेवाशसं किमासात सहा गिहा गिन्हश्वा त लिये खुण कर५० आ०१ वर्षाका लिरस्वासाधुन निष्पक्क एकासामना करण हार कल्प साधुन साय पिवासाचा संपाद्यासवियानि सत्त्रियस्तरकुसम कृष्ण एक वारस्त्र पोरिस) गोवरी कालिनिदा वेला सणी सातन काजि पाएर कानि वानी कलियो पत्र सिवा पवन घरि एगंगा यस्का लगा साधकले सन्ना एका पापाए वा निरक मिनएचा' पदि
SR No.650029
Book TitleKalpa Sutra
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
Author
PublisherNagor
Publication Year1677
Total Pages234
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_kalpsutra
File Size100 MB
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