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________________ काम्यपगोत्र स्व विरन आर्यन का स्पय गोत्रनवं आर्यस्व विरं शिष्प कासवयीत (घराणे कास्पयगोत्र स्वविर विकासमुखी सावयति (घराणं धामाधार अंतवासी आर्यमन सास्वगोत्रन आर्य (संघ स्व विर शिष्‍ धूममासादयती हा धार प्रतवासी कास्पय गोत्र स्वविरनडे चार्यसंघ कास्य गोत्रन आर्यधर्मस्वविर शिष्य घराणं असाहस्तु का सवगुत्तधामाधार यात वा काम्पण गोत्र स्व विरन आर्यधर्म का स्पयगोत्रनानि स्व विर सी कासवगुति विस्थ्यमा कालाधार वाद फल गुमित्र गौतमे गोधन गिरिं वल्लीवासिय को गोल शिनिपुण गोत्र कासव बलात वासी वंशभियु मित्तं सायमध्यमिस्किमिय कैशिक गोत्रो ने वादा कर मस्तक साधि वित्त वो कम्पोज महिना का सियादाई त केटियर तंवेदिकाणसिरमा विज्ञेबंदामि कासारक का सव (5901234 S Man Sans ess स
SR No.650029
Book TitleKalpa Sutra
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
Author
PublisherNagor
Publication Year1677
Total Pages234
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_kalpsutra
File Size100 MB
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