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________________ 4QSAP वर्षावमिवाप्रति श्राव्या राजगृह नगर नालिंदार बाहिरि निश्राय चउदहवउमास वर्षाराचवर्षाश्वमि रावासावा प्रयागया राय गिहे गरनाले देव बाहिरियंरणी माय वो इस दोमं अंतरावा:बचमा सिमिधुलाई बिच्मासितदिव एकच उमामिलति एकच उमा सपान किन्न एकच कायर की भी स्वामी मिरज विष सिश्रावत सावासं मुवा गए। उम दिलिया या दोन द्दिया । एगाल लियाए। एगं पणय मी । एगसा एकचत्रमा सिपापानगरीयर हस्तिपाला जाता। मुहता कीधी स्वामी बदल वर्षाराच चमास वर्षावसिवाष मध्यमाश्यश नीस नातिहा पुराणीमा महीमा वासे विश्राव्यातिदीर्णस वातणीश्राव्या त चित्रीय। ए गया वाय मशिमाए। हचिवाल स्मरणार घूमनायाश्रप मिंत रावासावा समु येते पाप नगरीय मध्यमपापा मध्यम पालिराजानी पुराणी मांडही माहे डेहल वर्षारातच उमासि मध्य माइ गवळणीजस पावा एम शिमाए। दहिवाल स्मर मोरघूस ताए अपमित्र तरा वासेःवर्षेःश्वसिवाश्राव्यतिरिणतगवंतन इले दला वर्षारान ये ते वाखीकालना चउघउमास सामजप कार्तिक अंश वामा वामं मुवागतिमांतरावास साजेसे वा साचो मासे । मत्रमेय के करियर तिमि कार्तिक बऊलक हता बदि ते दनश्मा व मिनश्या इये वेळे दली रात्रि तिमिरावि र विषश्व की श्रमणलगत लातरमांक नियन गरमी पारकरणी जामा परि मारणारचणेसमरणेन दिवस कुवाatiy shapes anda COMARCH 12 COE2912pares ५६
SR No.650029
Book TitleKalpa Sutra
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
Author
PublisherNagor
Publication Year1677
Total Pages234
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_kalpsutra
File Size100 MB
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