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________________ दिकर शविषज्ञ सर्वोत्तममायारइबीडिव विहार द्यावणं अलरे मधमाश्‍ सर्वेक्षमिमा नतइवाडिवरकर सर्वेत मि कियाई विषद सर्व महारलाघावरणा सवालमितिलेतिपाणइ सर्वेशमिमंतोष करी सर्वत्रमि सत्यमाचा बोलव प्राण स्थतिसंयम गुजराती ए। अणुशरायमुत्री । अणुलसी त्रिष्णुतरे एसित नमनादिरातरः "वित्र कृ द्विसहित ३ नमूहितचरित्रकार इस मुक्तिरूपायफूल निर्वाणमा आपण आत्मा तेदन उएक इममादावनतरागुत्ता परि तिरूपतिरणिकरीस लावत धक करतघउ बारहवमविति ज मुचरिया सोवियफले खिचाणामये । श्रय्याला मारण पडदा लससे वजराश कांतग एक नेमावरम भाहे एकपष्य सहित म्मासगएकइएतले रहिवातर येते अन्हा लान बीडा मा वितिद्यताखरसमम्म संवय रम्म अंतरावहमाणस्म । जेसे गिम्हाणं दामासे पशधरं दिवमिले पयष्य वैशाष सुदितिल वेश्या षमुदि ||समा अथवा जूनच मइवर सलमानक दसमी नइयृषश्॥ पूरक्साम्हाजी चिडाउ परेका वमाह मुखात स्मरणं वशमाद मुहम्मद समी पारक पीया ईशा हम जाती धकी इंपा ढिलायो र सि पाठिल इमसिम स्मरण र हती इए सुजन र णिनामिदिवस। विजय, इशि मिणीयाबायायापोरिसाए। लिगिद्विधाएं / सघ यांदिवामरणं । विजय मुहते २२. लेटि तय विमा 49
SR No.650029
Book TitleKalpa Sutra
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
Author
PublisherNagor
Publication Year1677
Total Pages234
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_kalpsutra
File Size100 MB
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