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Internatceal
कालो नावही सचित्रतत्र चित्त वस्तु मिश्रर विषयरविष होती अथवा नगर अध ती तीपनिबंध प्रतिबंध नहीं. ग्रामर विषइ र विष लवानासीत्रा चित्रभी से (सुदायसुत्री मामा गारवा अस मात्र विषइखलारशव घर वा वाखका काल समरविषयावलीर अथवा विषई। रइविषइ सघदेसरकर होता श्रमवारिवात्रवा खालवा | घारवा अंगण वारिणाहवा कलिनास भएवा॥ यावलिय इविषइ अधवा स्वामा स्वासर इविषइ अधव अध वालवर विषमुनिवि षड् । श्रवात्र हो रा जिरवि मोकर विषद अधवाष्पणरइविषर वाष्प र विष
या
वारणा पारवा । घोववारिवरण वालि विवा मुक्ति वा हारते वारिवा अथवामासरह वानर इविष वरसरइ विषय अधवा तेरे अथवा दीर्घ का विघाणा का लाइसया विषप्रधवा कर विषद अघवा। मिरर विष अघवा
मासे वा । उऊ वा । श्रय वा । सं वचार वा समय र वादी हकाल से डावा ला नावो को धरइविष अधवा मानर मायार अघवालाल जय रविषई हाम्पर प्रेमर अघवाद्वेषर สไล इ विवधवा विषई र३विषश्शश्रथवा अथवा रविष विष • विवर
को हवा | मारवा मायायला लिवाल एवा हासे वाद्य वादा सेवा क अथवा कल अघ बाक लंकादवा पुरजनाई करिवार परायाश्रववावा असंतोष अधवा मायामदित हरविषइ र विष॥ श्रघता विषशअथवा दकहवार विष रविव मृषारविष लावा शरकारण वापरावा परिपर वाएवारिइर श्वा । माया मो सेवा
'सतोषर विषद्वार
सातवा मामेएक शपा
सति प्राणेषक घोवकद शमा तेघावे एकलव
विश्