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शोक "प्रधान कृष्णन नाव बिका थापा राषया सवका हातानीक तरतरी करीन त्रयमागतश्यायवम श्रदसीयं तावतिश्ना माया उपचादयाम महावितरणला मात्र लकार देवकी आपण जिला व मस्तकि पंच मे टिकलाविकर ऊतार अतारी करीन
फालगुनी
त्यामा रामल्लाल कार मुय इश्ता सयाम व पंचमुडियालायकार करीन ॥ बिउपवास उत्तन यस दिनते पुरिया गीर दिन विहार होत नष्य पूर्व ६मा जोगसँयो विश्व बाहन त्रेण पाए होश रहिण रात्री। जोगमुवाग आव्यश्यक एकदेव षय वस्त्रले ईकरी एकल उबीजइरहित होईकरी गृहका वास होनी अनगारखा धुपण एग दिवश समादाया। एगे बीएमडत्त विद्या । श्रागाराउंगा रिययज्ञ
६श्मा वइब व्श्क तेदेवष्यवक
निर्गुण अनापक
श्रमण लगन श्रीमहावीर एकवरस मासश्व सीमदेवशष्यवर धरण हार अधिक एक मामएल कालची वरवर हा
गर
॥ रागद्वेषरदित राममणेलगवं महावीर। संवखरं सा दियमा संचा वरधारी होगा। (तरणपरं
वाएक
वसुरहित परिणयमियम हि दाघ जय ( श्रमणलगवंत श्री माहावीरमा तिरेक उपध्ये महित बारहवरस नित्यस श्राचलया गयडिगा दिए। समणेत्तगवं महावीर मामाइंड वालस
सडित
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पबिषा कमुवि दादी विक्रमुदि मस्तक इयादमुति