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________________ asse Jail Education कक्षीमोदन दिला सोनारमा डारे मंगा सिंदल ने कर उपाय प्रेमदीन दिनदेशनरी सोलदीच्या किमन्याकन्यासुतसगद किम रहन्वाती परदेशीवन्न मनकीओ कमरूवा श्रस्यासरिमंत्री श्राव्यविएट नाचिकादा संप्रेमी जलाललगाते सुरकन्यासमपिमला तो कोटात देवकरे घटतात की नाक तोकन का प्रयोस कलेकमननाचा लेनदी करता एचयान रेव्हिंसकडे करिदितला टाटाला बोलरियादया तनेक लीनसकेकेा ऐदेशी होती दोडी के सिंहले राम नमक के उमसुतकर्मवसे वे विगतेदी नविडोये। केटा मीठोकत से सार मे क संपतिमूलक कोटयातही दशिप्रतिल मी तादाद तस्यैका कटता मुलधारा वो करवोन तोम दारा मी बाबाकी एस्या बालकां ल दादा लगेयाधरा त्योलगिरूपारेल मी०४ श्रायायरदेनाधी मोटी राणीचाह राकेमन कोजाई मनमनोविवाद मी कोलिदियारा करश्वतिरेरोग दायाशी में हारता मिलसर्वसयोगमा छ चोरीन रोयेस में रामस्तदनीशार कोमीएकना सोचना शमस्या मां सुधारामा साहल राय सेलाई मुक्ते डालसिस लोगवतोताहरू क द अनल जेलवले brary.org
SR No.650028
Book TitleChandraras Patra
Original Sutra AuthorMohanvijay
AuthorKesharvijay
PublisherYakruli
Publication Year1760
Total Pages208
LanguageMarugurjar
ClassificationManuscript
File Size97 MB
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