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________________ चंदरासयत्र सारे मंत्रीएकसमानृपने नाखवावादतगति तराई जार मे. ६ ओएबोवरवरवाद्यावे संगरूमोदी मेरे एकएवरनिरा ओमिमी लीगं दमिरे म७ एप्रोचमचिं मंत्रि दीधा संगे लगाई क्या स्वामी अम्हारे चरणे सुतधीकरण सारे मे एका रस्वामी आत्या करीघनाछमारे मकतेला दव उम्मदवार मं समेडिम सिंहलदेश तायति तिमवेयति सोरवनोरे सरिता कारने कहस्यो कामनदी हा दातुरे किदा सोही सिंदल अनयद आव्या संमि चलेधारे मेल्यावावाद विमानहिं मेरिकसंघारे मे ११ जना दीवारी कहो सिंहल सिरदारोरे खेहिलाईज्यालापहिला माओकाईज तरि मेल कर सनवानं श्राश्यता में सारे ताल के श्री राकेशप्रसाद म्हनतें वालीकीधारे तेी मंश्चिदावा लाम ४] स्वस्त विचारामने एहनोत्तरस्पुरे देशांतराच्या किमदीलगीरकरे। स्पुरे मे १५ रेल विदामाद बाल गेटोरे बावादनीवानीतकर द मोटोरे में १६ गण अंगन विदी संदीराम हरदेबेरे ग्राफलग बोलेनर जाकरेि में दीवामिनी माईकरितानि मने देवेवर कोई वार मे क्यामिक दी शक्तिरि प्रतिदानत्तरवाक्षरे ३२ नत्र library.org
SR No.650028
Book TitleChandraras Patra
Original Sutra AuthorMohanvijay
AuthorKesharvijay
PublisherYakruli
Publication Year1760
Total Pages208
LanguageMarugurjar
ClassificationManuscript
File Size97 MB
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