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________________ Jain Education int गट दायक रोमहाल र इमविवदतोयाविव निमंत्रीत कपटीऊ टिलकदार ही इर्मतिहिंसकनोम डाल कति होलविनदी लाल रविदास्त्र लगेस दा मेटिदालनेवाल अमीचंदनरिंदने बेंगते श्रान्त तिमेशीलता करीवदन प्रसन्न ६ टाल नंदर ऐदेशी लवदनरस करेलो रायादाल रुरल श्राजविदगममी मरिजोनामने से दानमरिलो रसिलावीन तीरेला उ मनश्रीमान तास्यावतारेला नकरोमन रिला राजारढमानाईला वेदि मकल नलवारेलो मे बाल के ताल वो दादरला ऐमेला मे वो उतार लो मानसान था स्यादो कमरेला सांकमरेला श्रीश्रातानगरापली चार मी बेघलालो नाम वाम करेला मंगा स्था दिइरेला तेवाति किमबुटिलो शतिनामविशतीमगरलो वैची साथ को मामरणारे लो मनेर कहिइलारे जो योलान मयात लारेलो हदिश्लील ऊंची दरो घमघमीरयणी रहात नधारेला बापानमा एकथरिलो लागोसचिव दव सुंदर लो वे ज्योवेदना कारि कावरला स्पे कोईनहारेला लान गरीर लासा करेला चंदकरता कर ली मोनज्येनिस रुरेल सिंदल नपदरमोघपुरे लागोक्नशोदाम रेल प्रयुम नुसती मरेरेला सीकवलीम ry.org
SR No.650028
Book TitleChandraras Patra
Original Sutra AuthorMohanvijay
AuthorKesharvijay
PublisherYakruli
Publication Year1760
Total Pages208
LanguageMarugurjar
ClassificationManuscript
File Size97 MB
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