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________________ धादिना काकिनाकर आणावा उडतिक सम्बनई किंवलवस्त्रादिकम कार्या कमान ३० किमान् हलणा गुलजारी सामुत्पादिताला दंडादिक कर सहिया बावीस सहादतादिकना का नई कसम गुज़ान दर्शनघारित्ररूपा श्रारादिनिवा सहिया सितिमि रामतश्राहामानबदलिदवासी स्वार्थ ना जालपा की तरणमत्यादि समस्त ज्ञान की लहानपन विषयशिव लाला४ ला जात्पादिकन उउघाड व निंय ना विसानिकाला कादषतो तारावया०मा०प्रियमाविष तमई जन पहाटे निदेशक डा तिलाव मुंडाव मिसका फल नाबताच लगा दि उतऊगा। दगा दिया। हंतितम चारा का डिमांकवल बुतिमुचेति परिक्षा सिरकाका वासासाग कालमासि कालं किञ्चाश्रमयारावाला वासंघाला माही उता लागाचा रविराम दि वरणास समुपडं निश्ता तातापरिशति रतिपञ्चागल येता संतति का विनावतारातर्वति तंऊहा महिडिएस मह सादा तंत्रत वाघाकादिकहानी मिराच्या कर्मनाक पणा मादि कमि० समस्त नागदिवाकी िकया कर महितशतिमानाचंद्र मंडलना शिकवल सवाई यार हिनदर्शनमुपति ईलाय प्रतिचारप समस्ताला स्वतावाग्राही कर्मी का परिणाम सामनयाकर्मना दावाका सर्वर पञ्चाय एक नारी रिकार एकवली मुकमासामपूर्वक वाकत तो कानमारसा मंत्रमयासुदिवाला सुणावि मानिकननिषदादिवतात ि समस्त दावानलऊ तामाकाजा कर काले कक कहव ४१
SR No.650027
Book TitleSuyagadanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorLalchand
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1645
Total Pages170
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_sutrakritang
File Size88 MB
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