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________________ बीजक सजदा जिमाकाई एक पुरुष संग्रामकीनी कल्पतासा समय दि कला र सूर्यविनाको एडिविहति विद्यनाशक पात्र हिमा ताजाडि उई जिम स नापति तिरुम 25 श्रानरानी साहि 138 मी परिमा हनी कान हा ग्रामागा श्रानराया दिल्या हातान तालान विनाशनही मानव निश्रायान काशियाति क्रियान याची समाज कोई कार्य की कमायेक मायाक प्रतिककी निनटारिन नही विउ तिनमा यात्रा नदी साचालन का करा गोपीद सावंत याय मायेकाला amale विश्वप्राणश्रांतातांशियातिए वामनभाई दारणा दिन है ति [एगा विमान / गा पायपिडिवतिमाई का रिसाला पायाति सचिरतिग्रहति पिसिन यदंडनापतिमा तस्तपत्त्रियं साम्राऊंति आदिति एकारसाम कम तिराएगा पहा हारिदा तावा कम। माईप सिला पञ्चायति दिइगर पसं यीश्रममादडा सदालामा या विनवति खलु आत्मा एकरात कार्याग करवा पा कर काय कति अंगीकार करनी माईक एव मायारुलाहाला क नई विज्ञायाति विश्वास करा प्रसिद्धि पाम माई मा याची परंपराला किन र कति पायाति वाली टिकान न्याई गतिश्रागतिकर रिपद मायारुन नाप्रकारनेच करीन चानन दि मायाबीनेशन एससी साईकल मालिनिमायावी श्रवसरमा यति मनुष्टानकरग्रहतितमास्वानकका निवर्त्तनही पि सिरियदंडे हिंसाक मागका कोनी मुहाला शुध्यानप प्रतिपत्त्रिये मायाशल्प निभित्र सातकि कथानक सामान्य श्रारग्रामानमानिक उपनि ई एवं शर्व प्रकाशितमतमायाव याघानमायाप्रत्ययि कक
SR No.650027
Book TitleSuyagadanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorLalchand
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1645
Total Pages170
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_sutrakritang
File Size88 MB
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