________________
गडांग
माणसानामापडितका अतिरित हि महामाण्यनि मर्यादाव श्रीवासमा
मा
नाग हि० जा
करमणमा
लियोमानागमन चामलिक हास्य करार की अतिरिकस्सा स्पिनरस्पतिक स्प्रे करान शिमला पुि साहमा जाने जावेच गण निममिक रिपोमा हितिकामाचाणमितिमा का कार
पुनइंगित
डिवियात्रामदानीय बाल
संरकदम
विरमण
मदर यो मिरिक मित्रका तिचा सरास प्रतिकाम पुरकरिणतिकामाamaar महिनास पाव ही एम पत्रम यस सिरिआग्रहाव सदा चिरिएक मात्रामापुर वितरकर लाती हिचा पासनिनंमरी हित्रावरुतंचरित पास पिही ती पात्रापास मदत उदपणतपुष्करिणीनमाधारण महानामपदा के ईमाय ही पती रंणात मदा कई कि कल तर कानन कमल पुरक रिलाएजानकर नासिक मनषि विशाल पुत्रगण का नमक मनपा पणती विवासनही रासादमि जावा समसमाजिक प्रकारात बीजक दि प्रकार सिकाईप करु दरिकाउ दिसादिक प्रतिघता विपिन तर कणिक सारदाना
ग्रहहरु गाणा थान पुस्कर
रातरानुरकरि शिमादरिकन दि
ス