SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 3
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ काकादिकालमा निर्मलपाठ को प्रतिसरकाष्टशिलान कमशाद सताएणमध्यादा कामम०कमलपणा पाखपूवीचतता करतयेक अकादमिक निज कमल रूम सजा वाला या सादायादिकारपद पूर्वापरासा श्रमेतासमेता फास मंतर प्रासादीयांद दिसणायां तिरुवापडि वा नसांमुरकरिणा मनास सागमा एकरुपतामाता र समान कासमं तपासादाव रकरिणादाम 37 पाडवा सनावति खरि a. पुि यावासिया इलाजाव माद सताएगा। माने दिसा श्रागम्य पुरकरिता (सरकरिणा पतीपास बहिश्राऊ मिश्रीडितात शिसा पवंश्यासिश्रदमसी शिवराम कुसाल में वाचालंकारात सरक विद्यापति निषिरण तिहार (दास प्रादशिर हिं20 तिमिरादा कामप्रदा प्रशमहिनामक मल र क लान्याससंघ तपस पुरक दिन दाद शिरागमणय Raja करुमादिमा की मानक रितिना बड़ी तित सरकारी कनककमलामाई करते दा है। सियण पंकजने की पवित्र जाप रुद्रादिता०शका समूह इस दिन कमल नियामत
SR No.650027
Book TitleSuyagadanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorLalchand
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1645
Total Pages170
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_sutrakritang
File Size88 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy