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चन्चन माहिदि मतेग पर्वतसि
मका
०घर:
दिदियमले गायिक
हायडू
||रविणामिवायामिवायविग्गा शिवा । अगमाशिवा
तो ० हसिन वा कमलर०बर कम
लांबा देशांकामः]]
चक्र यो
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-३३१०:
१००धिकांज लसहित लकडाना
तला गासिगददाशिवा । सदिन वा । वान वारकरी वा दीदिया सवित ससरीवरना सं०मी हो माहिल गए हवा पाडोश्नोइ साकारदेवाः गीजीव सारामा नहानाबाद
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गुंजा लियाने वासरामिठा सरयं तिया लिवा से बादाग्यगिशिय
तावतः विजोल हो के के बाबू केमक सिहां कारण कि स्पहतेकह
दानकर्मव०तिहांकबाद ० सू कनइति: मि०मृगः नाजातिः
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राजावािराका केवल श्या आयासमेट | जेत मिगावा/एस