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________________ था उ०पसारा उपद्वारा สร चना करीन ३२ आवारां• उद्दिसियन सम्मिय शमिद्यार २५२ Jain Education विनमोहन बः तति वारस व संतासहितः गा०गामाया : विहार कर. ए साना बारति होइ माता का होउन कदाचित निस् वलवाको इद्मा हिंतु सिलाई तिवारइते नाणा साध३१२ को प्राथाइते घ बाॐिॐ घठया २ जोन कुततितिकारण तेल कार्यासा मजीद तो लोको ६५ हाईड्रो समय म क ६ वाजतां जामन सेक्तेः नि० साधः कर 5 कि मानुयाविहार कर निसानी: ग्राम विकारक तरतयकः गा०द्या मान तन संजमेवा-गामा गाम ह । । । से निरक वारगाम साकार विशेष वा मोहन राजा रोहम भूमि इनही का०का बाबाताबरनादिक नावाडा लोक का पतला मोहिको इकराम कर स्पो करनगरका का नामदेव मिश राजानावादिकन्तु घास जास किन भूमिका बावनः युगामंरइमा | अंतरा से कञ्चापिग दरिया पवा | गजलरहित स्वान का माहिल क्षेत्रः मोहिमस्खा ने मासिगारला शिवा | गहमा मिठा गहसडिगामारणाशिवा २४२
SR No.650018
Book TitleAcharanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages594
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_acharang
File Size220 MB
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