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________________ नाकार माजवताका नोकरदार • करणाहारा रो 'हाथ एस हा तया तिवारीक शिवानीचा लाद्य का प्रतिवाद्य पर्चना सर ॥ सजाएकी नामरान जिन्होमा नकरिया नर्ज घर मंदिर दाहाचा संदा दिए सभा are SudurERT परिस्त मेटाली डिसिरक भन्ने पडिणिस्क भित्रा कमरे मे स्नान करवाना घरमा दिइस इंसान॥ परंब के दबते घर ममाजाला योगाला या विविधनानाप्रकारनाम द्वारप्रमुख धवमुक्रा फलना अंतेया कराति कांव्या दिक रतन के तनादिक करोदिन ला कित सदागचित्रामधरंत्र पवित्रा समज लोकाभिरामस्थित भूमिकाका काठी रमणीक मनोहर खान करियावं कर्म मबई ना नायकाश्ना रतना दिकज किन जेल तितेयाक चित्र विचित्र सुनिन बजि हो। याहवेनावादविषः जिहा= हिमताल रमाड हाए देशि लिये त्रिशिल से एराणा सि.सु हेपि बश्व रचनाव न पाया। एक कि मिश्रितयाणा फलनेश्मे मिश्रित पानार्थना एक वारंवार कल्याणकारी या २३२२६मन स्नानक रिवाना जेविसि का एकरा इंसान दिन व करमताविदि ४ एक सोमु प्रदाह उल ह्यादिमुनोदशाहं पुणे कद्गतग मशक नीमाता जेहनजे ॥ Zrak Tiriam दगए वेद वि wowego P Cooper
SR No.650017
Book TitleUvavai Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorKesharvijay
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages211
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_aupapatik
File Size100 MB
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