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________________ जेन शहा कामकाना प्रातराते हमाधरयादा विचित्रतामा कारनामालापमं बंधिनामनलम कल्याणाकरसीयावस्त्रपदिरियांबर कल्पा एक स्त्रकन इजियां नई जिया ॥ प कडधारा विचित्रवतान रणादिवित्तमा लाभलउड कलाकयपवस्व रितिया क शिव्या सुख का राया वरश्वान मान्य लग्रन दिलेयन देदीप्यमान बोदाशराव लंबा इवननामाना दिव्ययोग्नशर दिव्यदेवतान् श्योपुर गं दिन तक राम दिन नगंधसुगंधमाक कीभाब इंडिय खड़नायणासा ईकरा सहित करामत्ता चाणकय पवर मला पाला साखरबादा लंबवणमालधरा दिने बालशां दिशा देण दिव्य देवतांन योगाश्वान दिव्यदेवतान इंयोग प्रश्न दिव्य देवता नईयोपधानसंघा दिव्यदेवतान योग्य प्रधान विदेवताना दिव्यदेवतान योग्यद्यति देवता न पोकरास दिव योग्य न फरमान साईकरा तवषमाराचसंयमाण समववरं यानादिपरिवारा दिवाना युक्किन प्रयोग तथा कर तेरााईकम याना दि | शिवांसावां शिवांका सां दिवे संधारणां दिवेदिचापटाए दिखायडत्रिए दिखा नाशिक देवतान योगाचा दिव्युदेवती नई योग्यधनार्चिविव्यदेवतांनश्योऽश्वान देवतान योग्य प्रधानश्या सर्वादिकदशेरीदशा उद्योजकाचाकरता जता राख हिन॥ करासह शरीर रजनितकश शरीरलाई तनखानाक नई पना दिनापचाधाए दिए शिवणीत एवं दिवा पालसाए दस दिशाच विभाग कांति बिस्तार ता श्रमणना करण हार नगर्वतमहिमाम दावा कर्मशत्रुहन इंसमा ग्रावा नसा दुरागमने श्रम लगवंतम दाया रजन= नवजीवणहार प्रणमग्रादिनइंग पूजा से मासामण लगावामहा वारस संनियंत्रासमागमारता सममहाव
SR No.650017
Book TitleUvavai Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorKesharvijay
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages211
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_aupapatik
File Size100 MB
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