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________________ मत शक राजामहा नवम वर्ग स्त्रविध्यतदना पर रम पाय स्त्रिग्य वाममा कान पक कुंडल भावना जननकाल घस्य उजेवावना चीकटाका बजियाना रा चंदनलाई विश्लपानगावचा नाघस्याहार दाऊण घरणक सिमरु यगरम सिंह सिधाकसा मग कुंडलपुरा यह वदेगा सूलित गुना घोम मिनिषतू मिस्फोट ना ते दसरावा यातला किलिङ नियमित व कानामान दशमा-प्रदरप्रधानय हिस्यान जिया धमवयुद्धका ममतिकांत प्रति एतावता पातवरिया:- कग्यावर लगा बालकऊ इसिंसिलिं६ पुषएगा साइ सहमाइंअसं किलि हाईहाई पर रिद्धीचा वयंसेविकंती | बीज वा संघापानमा ७२ व्यवसयौवनानतितंगबाजना श्रानरेगाच मियवदश्षाए दवाप्रधान भूष्ण निमनिम शास्त्रे कर मध्यमतिवार पी इ कहिया इबसदाशयान ॥ | द्वितियंचव यंत्रसंपन्ना माद्दानाद्वारा मासा तलमंगतुडियासंग निमालम, पिरयाण मंदित तुम हाथ लिय्यना दशखं प्रमाद कर मंमित मांसबर समान गिरामी रामु सुरूप नोटा अपना मोटा इति विविष्ट मोटारी मोरय शो निहायता विदोविज्ञानमा इनरूपसचिव रजियांनी विशिष्वृदि शरारताना प्रश= शविशिष्ट गुलिया याना 'मानव स्वारादिक योगधकी ॥ ज की ना मंडित्या दस मुद्दामं डिहवा इलामणिचिंधगया सुरुवा सहिया महतियाँ महबला महा या गोटासुरखना तो गव्यादा र ॥ मोटअनुनाविधमा हारनइरिवर विराजमानव कटक के कण घडियवहर वा नियार्धन्यात गरबा नाला के मलकाने ना किनायणी कादम्बतियाना रुपयईर स्वाबतुज हाजिया | प्रातरणमा गमवलक पोलाद बसा महासारका महाभागा हारविश्यता का अंगरकुंडल मडन D
SR No.650017
Book TitleUvavai Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorKesharvijay
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages211
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_aupapatik
File Size100 MB
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