SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 26
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ मितमानीपत सीमा श्यमा चार हितमान मांस करान पवित्तसहित र घरतिशेष नादातीरण्डवाः पसाब मिश्रमापीर पास H उचय सरलतम विषमपणार हिनसहितमिल ताऊ वात्य ततनुपातला कमि काली निघवीगय श्राद्यलोकन दियदेवा योग्य लाकद तो लावला तसवीर समसहित एक मिणिद्दश्राइ लमहरम पिऊं मखीकरोमराजा ऊषमा बिल चिगपंपायन ते हती पररंतु कक्षमा बलवहन उप पद्मकमलसराधा विकटविक गंगा नाश्रावपेट रोमणिबइजेड ज्ञान सलमापनापनि दारापूरी उदरपेट पवित्र करण स्वरपिऊ ला नानि बडोड़ना नापरिययाहि नर इंडियाचा ना नाविपासनाविनायक ना रामराई ऊस विकासदरमुकामविणालि गंगावत्रकपा गाव कि पाव प्रति रंगकलोल करातं गुरं सागात घातरुप्परविर्यन प्रकिरण इंकि करीबोधन माहतस दिमे विद्याल इसकी कोसा यंत कहताविक स्वरप व कम लिनापागंताऊंडाविकपसरता पिऊला नानिका बह सादक हतत्रिगवामुद्रा या हिरगाव उत्तरंग संगुर र विकिरणता सणाबाहिको सायनयन भगतार विययमा लोकप्रसि६ विद्यालइस कोश दिने करियाचा साप दिवानामध्ये काश्विरमा करणग प्रमुदितहर्षसहितवर सीनागतामू विरघात र हारा हा त्रातला नायरमध्य की एडिवि धाननुरगघोरुवतघासा साहय सादसुराल दम्पाणिक रियवर कणगरु सरिसवखयरवलियमान पमुद्रयवर केशसिहातही वानवानरानी परमुषत्रम खाका पतितमुदयघात वारद ਇਕ ਨਿਗਰ ਦੇ ਰੀਵਿਚਲੇ नीपगुधगुदाइंडिय बजेहन निरु उदारमल तुरगसीहवरवहिकडी वखरायगुष्षादास आपणाला वरवा मानदा तिमलगावत न इलेपन लग स्वात सरा
SR No.650017
Book TitleUvavai Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorKesharvijay
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages211
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_aupapatik
File Size100 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy