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________________ वाता सिसासारणिकरावाहिरिलामपवानशालावसिवानानिहाय अनेकघMAIपक देशमायकटक ना मलाकवर लवर नपु3. परिवारठराउामाबाबसब प्रामहिमहन्नरामाटा स्वामा राति तयुवरामब राया संसारानबाहिरिया वाणसालाएमाणगगा नायक दंडनायक रामसरवन धारा प्रबमामा ढुवानमंत्रिसामान्यमाहिला योधिकार प्रीलिया शिवार दिण्यात्र महामात्य दात दूकमारहते नगरनिया फान पतियक महामात्रमाटामवाव घवातमारा करतिवारASHUDDH मिसान-मालाका ज्योतिधा. /वर माबियाका मविप्रतिमहातति गणकादावारियम महामञ्चचडया महनग तमा वव्याध कारिक वरदाल वरमशानाक साचवासा त संधियालककमिअतिवायस्पा एवविधविऊय शिपिकालिकामा विलिप्तमय कोजबबरित्या वाणिया सासहित टकदलनानायक वितिबलावलायंसवामिला हित परिवपनवकविहर अरान विषय हाती निगमासाहासमावसबवा तसावालसहिसपरिवविहलातकालिया विपस वन अगणतना anaaमहिगावंतमदाबा तलाकसबा परतापवावि परिघमा सषमाहिसाहसरा रुषमाटिमा विध काशहार कवितामायणहार आदिनाकर धरतयाववि कामायहरहिनन पकिणहाकल्यातका राकानकमा बहार बनाकराणहार माताप्रतिभा NAलप्राधा पंकिपा ना समापसमवंमतवीर नागौर तिनकार सथसबाद रिनाम रिससाह परिस जीमलाइ पुरुषमाहिवरमग सावत्रसघाव स्वामीझाना सावन कविता यमरूप संमारसमानावि प्रपदातादातारम मवानाको बहलसम्माननगवतदवा रनम्रतयदान पतीवतनखामामामा गाजावतार आतकबनेट मापसाराघाच्या निवासिलाधा मिलोमनताप याबदाबामदवार नवदातार यानारप्रीतादातार दांतरितदातापदानातिवारण हार वनयात्रयता डराए धारिसवर्गही असंबदए वरदये शयदा संदिपजीवी दावा ताग सरल गई
SR No.650017
Book TitleUvavai Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorKesharvijay
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages211
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_aupapatik
File Size100 MB
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