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________________ नाकावाहपूर्व केनः विवरतापवत्र घणावासलगावपर्याययाल प र्यायवतयलाघालात कालमरनायवना वरुपकसमहातविहारक विषकालमायामाई एयाावगविहारिणविहरमाणा बांधातापरित्रायंपाajति यरियायपाणिना कालमासकालकि तिघाणवतका पदिवा यातायात विषाघातका विषश्तेस्त्रावावीससागरीयमानि मतविभागिलासवन नामावासाठकल्यवतीकह पाविनत्यतिलहइ जावकनीय नागतिगमतक नियाकतिहाइव विधानियानिाबारा बाउकामएकीय दवन्नाय उववनारासति तहिनिसिंगती बीवासंमागारावमागिताणारी हकीस कंधायक नई शिवधाकन एहसाय REACHEREER19 मारा ग्रामथागरगर निगम राजन खबमबमुख या21 श्राश्रम संबाध । संतचिव सजेश मासागरमागर जिगमराय हाखिडकछामांबादाणमुहमणसमसंबाद सिंनिवेशवादि. पानाकाका मणतनाक कहा पाईर्षतहि मास नेमलोकमा झरादिफन्यातिनिशि वलामौताम्यादिक कतऽविषs यहाणहारवका रणहार शीघणकर पंगेवातियका निततिकर्मकारबादि नालाघकोडकमा सनिवास पश्यासमागासवति तऊहावाकासिया पश्यरिवाश्यानताकेमिया तुओशकाना नादिक ग्रहपहपूर्वका विहार कासाविसावरता आवास्क्रिनमपवित्रतपद्या पानातनदाकापालतातेहपादादि। करावा म्वरुपणकराबविवरवश्कलगा तपालकावर कयतीतश्योपसेव्याब कारका प्रवाहावविहारण विदरमा बतरवासाइंसानमारियायंयानपति मानणनातसहारामा
SR No.650017
Book TitleUvavai Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorKesharvijay
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages211
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_aupapatik
File Size100 MB
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