SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 14
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ प्रतिरुप देवाहारमाया र जोतीलक रायगिजागवा घणाहकपदानी लता नागकनालाको बनावाकाबने नाला का बंदास भरकावनमदेवानंदाने को बडाडा लिनेकरा बाईकरावं कोबा बानोकर स्वामिवातियां तिलया जावां दिरुरका साहिंबरूहिंप मलयाहि पागल याहि श्रासाग aan काती युवक वसंतिय नाम कृते नालाका कांबीकर कुंदन तालता को साम परिविित्रशतिशय स्प ਕਲਾ ਧਰ ਕੋਹਰਾਮ ਗਰਗ ਕਸਵੱਟੀਦੇ,, ਤਰਕ ੇਸਗਗਨਰਿ लया हिचं पगलया हिंदूच लया है। वरणलया हिं वासंति श्रलयाहि श्रयत्रलयाहिं कुंदल याहिं। नित्पसदा कुसुमित लईकरीसहितकावतराव) निरा वोलाएका अवतंसकाशिम श्नेहन र हार का बद सघसमपरिखिना तापन मलय यात्रु पिचक मिश्रा यांस यामादी याद अनिरुपम नो दर३६५ बिंबबइश्क' प्रधानादवतेह अलग रहदांत्रागलिएविस्पइनेह वृत्तानेवालाप के द विरुदाना कहव, शैवलितावर घोडा कानशिलात कशारदा सधक समलीग रिससिद्धाने अतिरुवोरुवा बातमीच सागवर पाय वाईसिंधा सभो आयाम लांबणे वसेदचय वनेहन डगलकाने वाशि रिमा आकश्त संपयलपत्र ऊनीक वनस्पती व सैमघाम अनयाषाणस्त्रव सेवक शिवखा नालोकमन्न हत्तधर वनदेवता के सिद्ध कहनी वनाझव महाकवि मिला पद्ययमात्र विश्कतायामस्तमुपमालिका अरणधरण के पाटि
SR No.650017
Book TitleUvavai Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorKesharvijay
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages211
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_aupapatik
File Size100 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy