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________________ वाम्रा विशष्ट काय क रुपए पालिका दयः सता संविदिति एचारित्र विनय तिवाहीणपत्र ३ष्म नियन्त वाविनययोगन गादावा ऊसलवदीर जावकरणप्रति सुसमाहिष्ट समात्रिप्रा बहिः वृत्या सवाासोत्रः पादाय नसतघा गुप्र प्रियागु प्रत्यर्थः । कई मं त्रिचालीनपत्रीपूलान पश्चात् कर्षिलान १२ श्रातवृत्या नरा चितुवायां घः उच्यते वया हप्रायश्चित क्वं तिक्त पाना श्री लवकर | म कि काय पडिला गया ऊंगा सुसमा दिप दिनिः उप प्रोत मारिया पिपाॐम्मा इव निंदिल्लीपत्रीणविहति मते काय मि थामितौजागारात हन | नाण• नय त्रालयश्वत्र ४ववचन मानविवग्रहण विव एमनविन पडिलीmarस कि विदितसगण सणसणया विविश्णं । श्राराम सुथा किवा ऊहामा मिल विनयानकिब सासाराम त्रिवि णा यसपडिली न्यास इत्यादि अतिशातावर विद/तिपय विama यविनेदमशिदपत्रे || शालायाण शिद किविषऽजेविन विपदसत्रशिद पति नाविण ॥। देसण गुणाधिकनई सम विणण लागाया र शिपलकित तो ज्ञानविन दर्शन विनय सम व्यव यातलदनि विनय ६ जण यामिनंदादिभावास किंत तिरपताव लोगो. लोक या मानक विमायाकिंत पा हारपूजावा जावपारंचियारिदे। सतंपायभित्र सकिती पायाविनयः (upaण विणण विक्षियों का पंचविणंति या दियं नापि वणवाससादादसा दि० शिपत्रात ती स्मरण विनय १०५ भगा दिलाए। उम्रणा दिएचएगा विशद पाती मक्कार तथा सोतिया जहा चादसमस चास्त्रिविनय चा ता तनानश्टालिनव विनय वाकवल नारसना परिणाम किंतेंदें सम्पक चाप एर्ड गापय । श्रण हा सा दाणारिदिए । सकितख वनिविन दीपाविया यद एव विनयशुश्रुष स्त्रिनसदहला दिरूपविनयाचा रित्रनी सदहलान
SR No.650016
Book TitleBhagavati Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1539
Total Pages1168
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size575 MB
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