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लवड
बालिका कलाकाराचा हवा खी कला कुशल सर्व कान ला लिनास्त्री मादकरी संयुक्तानि जिविनयात देनाज उपचारराति हो गत डिन निदिवि सारहवी श्री
बघा
सितश्व इति गुण
अविकल
जवसामध्य सामादिवापाश्रवस्त्र विण्ड दियइंस विस्सति साकमा तिमयो ता कविता थंडाव जाताना तंत्रमा लिंख त्रियकुमारांमा पियारापदेवदासि इमान जाया दिपलकलवा लिया करीब भरतिया | सुविधा सरिस लाथम रुजावाभावया । स रिमेदितो काल दिंतो था।। e एलिया कलाकुसल सबैकालला लियख [दा दिया उमदवगुणजन निविणायाश्यारंप डिया वियरका उमंडल मियम जश्न ि यदिदसिय शिण रिकयंग तिविलासं विडियवि सारदाः। श्रविकलकलसालसा लिए ।। सिलवेससंतwaja द्वाणगझा लाकविपरिल प्पला दिली | मँगा एकल दिया भियाग्रह गुलदानमा निधे लावा परतस बंगदरीतंादिता वाया एया हिंसदि। विशालमा पुस्पका मालागि १३ पात्राला । गीविषय विगयावाहिनाको दाल्लाह दिंका लगए दिना वय ३५ दिसि । तणस माली खत्तिय कुमारमा पियारापवेवदामि। तदा शिति श्रम या ममवेदय देशमा याताया वि लकलाavasदिसि एवं खमया माणु समय का मालागा असा मया देता सथापितास विमय शयादि विषयन विषद्र विगत• गयुरुवोबिन प्रत्येकी एल० जनएल विषय नागरहित इह को माना गय हाणन तदा भारत निखारुष शरीराणिनिप्रतीति
बिरह४• विव४. लवंश संतान न धनाय जमत्रा