________________
यति रिकाडाणियेावांना दरिदियतिरिकाजा लिय कंमा माशिमपेरिदियतिरिकाजाणिया मी शिराज तिथिं दियज्ञावकमा सी शिस किंमंमुद्विम्पं विदियतिरिराजा पियावा मासीदि संगतवतियपं विदिय तिरिरकाका गियां वेड दावि द्वियभरी रस्तालदाडा व पकता । माख वासा यज्ञवकं तियक मन्त्र मिविदियति रिकाजाणियकभासी शिस॥ नाच पन्ना संख प्रवासाय हमासी शिराज तिम॥ मकेमास)शिम किस हिममास कुंभासी शिमोगवतियम एमकमामा विश सायमा । एणा संघ भिमपुस्तकम्मामी शिस गशव तिथमम्प्रकम्मामी शिस एवं दावमच्चिय पंजाव पडता मोखावा मायकमन्त्र शिवकेतियमणुस्मकंमा। सीशिसांना अण्डा ताजा व कंम्मासी शिसक प्रदे विकमासीसि किलवा सिदव केमा सीमि । ज्ञावादमा गियादव कंमा सी शिसा [गा। लवणवा मिरवकम्मासी शिसविवारण मंत्र शदवजाति मियवेमा गियादव कंमा सी शिसव अतिलवाया। | मादव के मासी शिसा किंसुरक मारत वाणवा सिदेवकं मामी शिमा व गिय ऊमा रजा व केमा