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________________ है 1986 B शरीर नाका तिहाज यो तान स्वान कर रह ताम का जेनएकामा उपरांत नजारत पतिहाज उतार द्याव का प्रसुतःसुत उचाउ नाव मा मननो संकल्प धरती की वि०श्रयत्मक एसि० इत्यादिपरे चार सायद पर्यार्घसमा रुमायसय सोह लादता तिलोत वा सिंचरणेकीसता एखद्य२परिणमति । एगारमा साइं दियन्त्राय चरिका सोनागसेन दियत्राएघारिदियत्तागर सिंदियता एफा सिंदियत्रा ६वाएक नाम वापमणामनाए लग गुणली बन त्रासहरु [यस्मत्रायतामिखाद्या परिणामतितास फासपरियारगादान वातसिएंश्वामा प्रतिवेद्यादवका दपरियारगातादव विश्वराम से लागियो । नवाश्य गाजातरूपरिया रंगाादवशात सिऐशनामा समुछति । इवारमा र हिंसा परियार कारवयातयात दिदार दिए मसीएसमा उत्तराव रमावास्वर उदारतावि बियावरा तिविहिताऊणामिव विदिशाणामिव वातणामास्तर •गविनासिगदवाहर सामात जरालाई | डाव मरणा रमाई। उत्तराव्या उदारा वानवदासमाणाविति परावादवानादिरादिसदिय रियार का तस संताच वडाव चाद्याश्परिणमतिचिणोऊतिम ६ए रिया दशावसि इछा मरण समुप्प छतिया मारा हिंस हंस हरियार कारतय। तात रगात दिदार दिएवं मासीक एम मारतादावन्नराि मनोद SI56 33
SR No.650015
Book TitlePannavana Sutra
Original Sutra AuthorShyamacharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages596
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size297 MB
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