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________________ १३ शरावे मधुऊन श्री० [सं० तेनदनेने ले कर क० न० जा ० को म जोगना सुकृमिमोह ००बजे ममरोयई पद्यारकं स० [सर्व शि० विजादी० गीत ० सर्व ि यती०शि००२ साहितेने विवि तेजा तेल नदिनु मु०को करुवा मुरा तेयुछने दे एका एकराये। न राहिवकामगुणे सगठं । धम्मस्सितस्स दिया दी। दिलोइ मंदा मुदा स०कार्वन ० नाटक दिदि स०स० स०सर्व को मनोगते०ख १६ ० मनो दूर है ९०० काम लोग नवनीतं。तोब 'बना कारण से दबइ दना कारण दरिया || संदिले बिसंगीटा। सहनहं रिमंा सयानरणानारा सत्रे कामदादा रही दाला तिरामेऽदार देसनितं वि० निवर्षा का जेका मन्तो गथी | जे० जे वि० निस्कनइ सी०टील नालन न० मरेड जे० तेजा सिखन्धर्म सो० चंडाली जात મેવિડ नमनुष्यमा उ०प्र० कुता विरा०दे राजा | कामगुणे सुरायो । रिस्तकामा एफत राणा ३०. च्मा पालिस० मई २०बपातमा दि०३ ज० लोकून इ० ६० डालना निघूरने विबइ ए जादासारखा प्रता वटस ज] एस्सरेमा । सीयसो दाग निवेस ऐसा तीसे दाजाईदाउरा दिया ए बुचा मिसोरागनिरेस ऐमु । सस्लो गर गलिया ६०इएन उत्तम जात मी सो० ते ० हिवडा० हे राजा म० | १० मोटी नीली. पनी क० ० ला दिन इ तो लोग० अ० वारिवान इदे० दे० कर्म मानोली फलस दब की माता स्वता नीलि दिन कुइ जनिरूपणे सीलगुराए दाईमारा। सोशगजाई गसा (जब ती०ले जा० जाति श० ने शव कारली बु० तूम्पारो आइए बिसा०चंडोलना स०सर्वलो० लोक न ३० दलनी कर्व जन जातिमतिब निरनइरिब‍ बियातः इदं तु कमाई बुरे कमाई १७ सोदाणिं सिराय मदात्तागो। म हिउ कुन फलो बने चनोगाई असाससाई या देननिनि ८० मनु मईडीडी चाड वारा दे राजा त ५० चतरित पुष्य मुन०ले क म० तोतिवार ० सो० सोलार ५० की सोच० लोक दिव मकाउ प्र मिलाए शशजदेदसी न० नदीत० ते ६०० २० दिन बाद चीन चीलाइन दीना० नातीना સિનિક તંત્રન २शन तस्स के विन्तय तितान नमिल‌ रकमांदि (२०) इदजीदिएरामन्य सासयंमि/भूमिर्यन्ता कुमाणे सिसोय इम महाझी [वि० मृगनगंज म०तिममर्त सीमी न० मनुष्य न० न इत० ते इन इमा० प्रातावा० का ० अंत कालन विबन० ते माता कि हीले इजाइ | दो मिदां गदाम | मनरने नानी अथ दि० दितोथवा पोत दिल हारन साइ अंतकाले नल स्समासान् विमानादया | कालमितमिसा नदेति । ०जिलो कनै दि बसी०सीद
SR No.650014
Book TitleUttaradhyayana Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages248
LanguagePrakrit, Marugurjar
ClassificationManuscript & agam_uttaradhyayan
File Size138 MB
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