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________________ 6 राधे हरव‍ सिझीक धर्मस्वामी जे प्रतेक इमिश्री जगत बहादर देश न तो तपनं तेज आएस०एफलामें को० को एक निर्दय वुरुष पोपो ब इतिर पति ने कोरे सिवा जसले हरदेववते इकडाने जो बिगडेलले नेक कम स०कालडू ए० बोकडानई) दि । सिरेमि 251555555s इतिर फागणियां बटोमन समते ६ उदाए समुद्दिस (SSSSSSS को ईसिएल कि० | ९० वो बात शकनादेवी? मिटटी आठवे कहो जलाताई १० बानेद्राज तिवारी से ० ते दो कडी १०१ष्ट महम० भोटोथ यो लेदो ि थयो मासक थकान घर ने प्रथ जवसं दिए। सेा बिसयंगणें । तच से पुवे पर हटे जाम मे ए मदो सरे श्री लिए दिन लेदेदे | प्रदेसंपरकं रक ए1213555 मातमाऽध्यनूनी कथा गायक है कि दिगांमने एकरी सात फूड न एक मोटोकरे निपतेद्वाज कमीपर रमाडे वै तेबीकडे मादा बोर दो देवी गाल अवेदावे को कलै साता मुकनें सु का नृपतिदिए नाथै नैताद्रोऽमुनै मुकी दो कमाना ते किंम सिवारें राडा गायक रेवानका पाला दिए एसरसच्या हर कोई नदी जिम रोगी में एएम दी जैतिम एट्ने पर्ने है। दिल एट्ने रालोदसी तिवार इमार जसी एनोमा एक र सीतेच्या पाने हरकोन दी। मोमता करे आवेदेषस्या/कथासूत्रानुसार अगाथा करीला गेला लीये इतिरो कमानीक था यो ला० जाल मै म० श्री प्रो०] नाताल जी से ० नेद को 50 दुधक जावन एसे ताजी व तिमेऽदी मा० शाने स" क ०ननोन को यी मुकाम ऊणानेंमि चारदानको तकर बोरा तो कूदीय याएसाएसमी दिए।35 एवं दाले च म ई० स्त्री नदिई दिपा चीना मामा र मोटो आज दिवस विद्रनिगृच्या कलहार १० कण बनोसेन करछारिनुमेल हरे सढे । ईञ्जिदिसय निद्देस" महास्तव रिगादे ज० जिमसं० प्राणने कहीमा ७, आ० सिंहासनादि ३० कडो मा बनाया लगादिक गाड राळतज नादिक काजना नैविषई करके जिदा एर्स Qलए समय लेजाएं। क्लिं काम एनुं जिया । 5स्सा में भू दिया संदिपियारय । तत्रो कम्म गुरु जैतू जू । हाथिके आज सी० मस्तक/ ३० दान जु० लोग बाइ । ज० जिम से० ते ०७० क दपत्रमा देबि जहासे खलुडर 5555355 ई०मार्थन २०१नोजूदि० राजु मायानंतर नवा दो यवसाय वर्तते सदेहूर्त | हा जेहार से दार केनो ० मास बाइ इहई नरसाउदिमेवाले मुसादाई॥ अालं मिविलोबल दत्त दते । माइकले नु० जोगवा मासनो स्वमधू ० बीलानु मोस का ॐ० मोटो पेटथयो २०१० ते ममीच्या वर्तमद्यः यो २० जीवनोदमा नीवर करड श्वाक्ष्याइ रखो थयो सोलो अबुनको क० दे मम्॥ तुमेल तुजमा एक रेमंसा परिपरदमो क० काम लोगनु | डण्ड जेड जुनु ५०ते लोगवीन ड् नान दोनो श कर जो ईस दिले दिन सो दिन भर ३० इलीस. उदा जीन ८० कि० कुकरी १० दर्तमान २० कर्मी
SR No.650014
Book TitleUttaradhyayana Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages248
LanguagePrakrit, Marugurjar
ClassificationManuscript & agam_uttaradhyayan
File Size138 MB
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