________________
ብ
तीसनी
नी
त
अनुत्कृष्टी वि०स्थिता देवेद्यदि सा०सागरसवसता चूर्ण सा०सागरएपतीस उन्नुत्कष्टी स्थित सु०सात मध्ये कुन दि सा०सागरच्प्र०ा तीवतीससासागर หิจกร चेंज जघुमस्थित वीसनी नव देवतानी ज०जछन् गादीसनी कोसेल द्वितिनदेउ मिजदले सागरासतदीसति सागरा अनुतीसंत्र निको भएन/मत्तममिजदने सागरा दीसती (४६) नुसागरा उण्डत्कचानि०स्थितमाश्श्यक सा०सागर काकतीस उत्क० स्थित ननवमयेकदिइ ती० बीस सा० साग (४२ तितीर विज जन्म तब जनधन्यस्थिति बनी नी ई उसे जिदन्ते ॥ सागरायसीसति सागरातीको से एहि नवे (नमंजिले ती सतिसागरेश्मा ४२ तिशीससागरा न० न कती हि० स्थित चक्रनुत्तर विमानने दिविदि०ज०जधन्य न्यान वानी २ ० जघन्युस्थितनथी । ते० तेत्तीस साबसा | म० मोटुविमानस० स्वासि६ हिस्थित माननी विजय विजयंत जयंत जीते एक तीससागर अनुत्कृष्टरी स्थित गरनी नामानिि कही तिथे करदेव ४४ इनको से एद्वितिनचनसंविदाती जदते तसदनकोसा तिशीसागरोमा मदादिमाऐसो द्विति एसा दिया दिया ॥४४ जोजेच्या बानी दिοदेवतानी दिοकड़ी (सा०तीजी जेते ते देवनानी जजघन्य 30 उत्कष्टी ४०० कायस्थित प्रमेता काल | रा० द०ज विवादिनइरिदे० दे०देवता हिस्थित तितिर्यकरे का० का महि० स्थित टीकास्थित अक्षता व देवा
चन्द्र
नव
” “સિકનાળીય
5
जोचेचया आई देवादिमा दिया (साते सिकाय हिति। जहएको सियान ताल मुकोसा वासाजद लय । दिजढं मिस एका देवगड डइ | अनंता कालनो मुण्ड रा०दिवसथीलों आए अदेवलोक ०छेवेयक नदियुताने विटेन सेवमेध्याता सागरनु देवी वरम् श्री करन वदर सल में ज० जन्म ४६ टोमा वड ज०जघन्य मातरी एमड आददेइन देवता तथा छानो एलोन्मान ऐप को सबड़ई त फर विमानन देता जळांतर ४ इन्च्यांत काल मुकोसांचा सपुजन मादा एकस्याएंगे विज्ञा ऐक्तरं 83 संवेद्धसागरुक्कीसवासराजद सराटे छान लो तो वडे | ४८०० तानाने व थकी २०३ सथ (मे० संस्थाननानि विनेदनास०सह से०संसारीकजीवसि ३० केराजीवरि रु०स्वीजेच्य दिनकरेकशः। दधिकी की फा०फर्साकी थकी कलातीर्थकर जीव दाएं अंतरंतु दिया दिया ४ एए सिंदानदेव धनरस कासना संहानाददेश दिदाणा इसससो संसाराय सिद्धाय । इतिजीरादियाहिया रुदिलो अ०मजीवनाडु०दो ५०० प्रकारेजी० जीव दिए। सो० गुरुसमी व इसानलीन सर्व ननयन इलो २०२० परत. दिव्याले इन दिई की यदि नेदकलाजिन जीवनाने एकदा स०सदन समानवा योग ज्ञानमक अमनविषमुनीतिवादी०बाद साचारि चेत्सदा प्रजाऽरिहा दिया। इतिजीमजीदेत्" सोज्ञा सदिन एj / सहनमा एअफ मए र मिडासं जमे मुली। चतो दलिनासालि साम मेक्सी वर प्रणालीम २००० यागजिन यात १२०३ / २००० दस स。सले बनामु०नुत्कृष्टी | स० एकरमनी ० मध्ये ८०वा० पासून ज०६ | ७ | प्रण लिया (इमे एकम्मा को एवं प्रसिविंद मुली //दार से देवदासीसानको सियान (सचरमझिया तमासेराजदलिया य
लग
'मलेबनान
अनुकम जो एसपी
सश्लेषना
चीकर साक