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________________ रामनेश्०२ सतर ज० जिदान न बीज० च० व्या श्री] ३० रेदनान थी ले० स्थानक 5० के०के गोतम तरीके केसी गो० योतम् एस लकलकर्मी ० केयुक १०दोलतान ०बोलतातूब ितिमलता उमाशातली नृत २३२४कचन शिराच् वा दिदि दातव्हा ८ गणेसइति केलुते । केसी गाय ममहूत् । ततो के हितं (गोठा मोइएमीलिए त मानसी मि० सिह किं० सिट खेळ्यात सि० सर्व जे०९ स्थान के चि० नं० से ता० स्थान सा०सा लो० लोकनाथन २ बजे०जेस्थानकन इम्याक्ष नाग ० मताद तिरुवन ० सोचनी हार लो० लोक न वदत स्वनाधिकार जान०मा ऋषि८५ स्वतोदान्नास अशरा बादति। सिद्धांतोय रमेत्य खेमं सिदमेगाबाद। वरेतिमदेसिला सास दाम । लोअर मि दुरासदं । सपताल सोमं तिनको तेना त सानी गो० गोतम १०० सं० संदेश नं० नमस्कार से नुम् स० सर्वसूचना १० मोटा समुद्र निनाक पदार श्री स्वामीक दै उकल करेमुनी ४। श्रज्ञातेोरी २० को नइस० सं देहरहित सर्वसूचना एरगामीगोतम २० लीवर इ. मैदे हटाने के के साधे ((4) सबिने। केसीस शेर म० मानेदिबैत ० तिहा उद्या नन इक्षिक मोनु हार समस्त दंन करमुली । ६४ । साफ़ गोममता ते दिनों में संसन इमो नमो तेसातीतं ससज्ञ महोदधी । ५) एवं कुम देखतघोर (० वादिनइ सि० मस्त गोगोत ममोटा ६० मादास १० केशकुमार श्रम एडि १०३ मतीर्थकर के करी रोडपराक्रमनाक ०धम | जेब ना० साथी ० दलात करना अज्ञान परक में निवं दिशा सिरसा। गोय मेनु मदा से ही एंव महापविद्धतिनाव तोरे मस्त त्रिमित सहादते। महारा लेकेशी गो० गते किरनन वि० सिद्धांतचा निखर मोटा कर्धनाविनिनि तो० सेतोपानी २०१र्ब दास० स० मा सदान इयमेव तायपे मानविय तम नि०सदाई आ० ॐ स० एकगमील स० पुरानी इतिमनुशिष्य बन मदतन के सिगो दामन । तं मित्रा समागमो । सुख सिलस मुक्कु र सो महल तो सिया रिसासन समय समुट्ठियां समनन से सम्यकार गो० गते देह जीममीरदेव सानप निमकोटे इतिश्री शाशात मन सामनकरी व्यथा ते पा० केसीका मातेची समझ २३ तेरिसमा नदि दाल रोकोस्वननासोबीस सयंट लेते माता नोव शु श्रयीक पति रा० नापास मुवि २१००० 9 से 303 द्वार व २२ दानम चारसमइतिसं तिमितनं गुचीनच्या हिता|२| इरियानासेस गादा सं०संक्षेपमात्र दि०क रजिना तामाजे ३० कालंबनका नारि दी समासेए दिया दिया दालसं डिलरका | मोटोजचन रस्यले बोल: संधुयति सीसंतु । नयत् के सिंगोराम तिमि ॥ ॥ इतिश्री केसीगोटा मझम एतेवीसम उत्तराम सम्म ॥ ३॥ या वनमा (साच सुमतितितिन | २०० प्रति ति० तिनमुति वा० कही । मा PATUNE मताना छा लड् पदममाया | समतिमुत्रीत देवया । वेदा समतिनु ०१ ३०द उन का० काम अामी ९० एत्रा उस पास मते कमनि | लुमिय नमुतिः मागुतीय गुनी काम गुती एमानर्स मिति 2 मा
SR No.650014
Book TitleUttaradhyayana Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages248
LanguagePrakrit, Marugurjar
ClassificationManuscript & agam_uttaradhyayan
File Size138 MB
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