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४६ वुडा सत्येस विलीयससमणोरुई दिई कम्म संद्यात वो समायारिसमादि सदमे मदजुईचवलाई पावाली सरवनीत शिष्यानी जोतीगंज की देद्वारी नोटीस पुलोदी सि० सिंह ०ईसा दे०चदेिवता ते तमोद श्रीधर्मस्वाम नइति व्यंतरजा तिनादेवता नइमनुष्य नोपली आहार करीना देख कही लेवसेदिक देवताम मोटी क 19058० ज्यो:नीबाई नेमली एबीओ जोति कीन दिनासली कुई
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मन्त्री महावीरदेव
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समादमाश मोजतो तिमदेन को श्री धर्मस्वामी नोटन इतिदिन मनशक्ादिनियमे करवोको शुरुका बकरा आदेश दे नवीन रिस वज पढमंत्रियज्य सम्म॥ २ ॥ ॥
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ग्वेवाहवई सासदेवेवार एम दिहिए। शिदेवी सान्नादेचरंजीव ए० म०प्र० इह जिनस बनादी सर रिसदा म० वज्ञतेइ तन अकार को मनवलेखनी दामे नसते जगत्मा एवमरका । इद बाबीसरिसा समणे जगदम० श्रीमहावीर का कानू २ गोची ५०० कर्ब जे० जेनिश मो०० रिस | नवजा जिन्दर अ०ते२रि२ जीती नि०गोचीन इ३ि २०दो मृताकिर १०० सिसीकर साधू रुसी लीन चित्रक सदानन बड् ते माननी S नोव्यमने बिनास नदी जामदानीरे ॥ का सवेल बेईया "जे निरसन जिस निस्कायरिमाण परियंती" प्रोनो विदनेऊ शिष्य पुनई. ल० वा०दानी २०२ सर्व ज्ञानदमश्री महाबीर |काका उप १०७ को निसा सा०मा निन्द्रा जिन्दरि अन्तेरिस (नि० गोचरान कुछ स्टनी सहा देव यगोची काव्यात रिसद् लीन ली चित्रक जीतीन मेव जाया जेन्ज समी नई S कटारे ते खजु। दाती सरसदा। समोल नगदंयामा दाबीरे ॥ कासवे । यदे ईमा जे तिर वन्दीमताकि रिसदक नो० सामने ३ ई० दिगरुक है | तेलाला सरिस सश्रमात नत्रयवंत मश्री महावीर रता रस्मोतिवारनाशेनदी एलिकह यस्ती ज्ञानव | रियाल परिह दांतो बुकोनो दिले जाई मख्खु तिब्रा बीस परिसदा समये नगदमा महावीरे ॥ कासवेलप वेईया । जेनिरला सोडा
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