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________________ लोलोक माहिकिर्तान सू० जीवनई ज०१० से० ते दली जा० नजर कर दान इस आक्षरतूत ज०जमातूनः दिवनीतो भार लोएकीसी से जादा एवई किंवा सरनूढाएं जगईजना ॥ ४५॥ जानस्स वसीदति वि०तिनी घोच्छा० मो० नवनीत मा नीशास्त्र ना मेननीची इजिम मानो जेसु ते देत साल्पा बैसरुजे क्रिया समाचार जेलमा दी सलना जालते सन १० बालशिद १०समको तुमना० लैम्पश्तेदी पहिला दिवाकरवेकरी माम55 बाल बुधसंथुआss प्लाजा नति तपनो साखोस Qलेकरी मोटी तनी दी हिते पा करीसहित मह ४६ वुडा सत्येस विलीयससमणोरुई दिई कम्म संद्यात वो समायारिसमादि सदमे मदजुईचवलाई पावाली सरवनीत शिष्यानी जोतीगंज की देद्वारी नोटीस पुलोदी सि० सिंह ०ईसा दे०चदेिवता ते तमोद श्रीधर्मस्वाम नइति व्यंतरजा तिनादेवता नइमनुष्य नोपली आहार करीना‍ देख कही लेवसेदिक देवताम मोटी क 19058० ज्यो:नीबाई नेमली एबीओ जोति कीन दिनासली कुई स्वस मन्त्री महावीरदेव यो जिया [8] [मदेवगंध समादमाश मोजतो तिमदेन को श्री धर्मस्वामी नोटन इतिदिन मनशक्ादिनियमे करवोको शुरुका बकरा आदेश दे नवीन रिस वज पढमंत्रियज्य सम्म॥ २ ॥ ॥ 85 Ras 1ष्यात जाए रीन ग्वेवाहवई सासदेवेवार एम दिहिए। शिदेवी सान्नादेचरंजीव ए० म०प्र० इह जिनस बनादी सर रिसदा म० वज्ञतेइ तन अकार को मनवलेखनी दामे नसते जगत्मा एवमरका । इद बाबीसरिसा समणे जगदम० श्रीमहावीर का कानू २ गोची ५०० कर्ब जे० जेनिश मो०० रिस | नवजा जिन्दर अ०ते२रि२ जीती नि०गोचीन इ३ि २०दो मृताकिर १०० सिसीकर साधू रुसी लीन चित्रक सदानन बड् ते माननी S नोव्यमने बिनास नदी जामदानीरे ॥ का सवेल बेईया "जे निरसन जिस निस्कायरिमाण परियंती" प्रोनो विदनेऊ शिष्य पुनई. ल० वा०दानी २०२ सर्व ज्ञानदमश्री महाबीर |काका उप १०७ को निसा सा०मा निन्द्रा जिन्दरि अन्तेरिस (नि० गोचरान कुछ स्टनी सहा देव यगोची काव्यात रिसद् लीन ली चित्रक जीतीन मेव जाया जेन्ज समी नई S कटारे ते खजु। दाती सरसदा। समोल नगदंयामा दाबीरे ॥ कासवे । यदे ईमा जे तिर वन्दीमताकि रिसदक नो० सामने ३ ई० दिगरुक है | तेलाला सरिस सश्रमात नत्रयवंत मश्री महावीर रता रस्मोतिवारनाशेनदी एलिकह यस्ती ज्ञानव | रियाल परिह दांतो बुकोनो दिले जाई मख्खु तिब्रा बीस परिसदा समये नगदमा महावीरे ॥ कासवेलप वेईया । जेनिरला सोडा तस्वी त ส दिव हा २२ नई इजापा देदे मलाइ सोचा न का० का गोलाई नियति ॥ निरकाटा १० ककेल जे० जेसो मोसो ज्ञानस्य मे साझ सामात जलीन
SR No.650014
Book TitleUttaradhyayana Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages248
LanguagePrakrit, Marugurjar
ClassificationManuscript & agam_uttaradhyayan
File Size138 MB
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