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________________ मोतीच्या या तिस्त्री सेना बीदी/ते किम ना वंशतिक है एधनुराइनी वरात शेन दी जाएफ मेकदा तो बोका बदाय तेन कालेन दसू राजासानजवन देतेन मे दिन फेरवा रोदी सौराली है दानी कति मोती राती दीगे नसलना का जल रिना तेथी गुजा जालना या कररा ऊल रे कजलने एली तूली गुजादले मी करनाब्यतेल स्त्रीजात्मादमोटीचास श्री एवंबक मूल्पनामै एकिसी वजिरालीक हैरे मदन का रिमा बेग यांतितारका अलकेतला र मदन का कार लाति राणी क इहोचो जबै मा हरीरी जीमलीच्या बकुर के है स्वेकिलीस्पू के सथाय तेस्तै काकद राजा नामे दीनले बारोदी काराीक है । मदन का एक सा वीजा दोग या बारही गया। ॥ बलिराली कहै एक स्त्री तानाजर तारनैवर देस जातो देवी सेज डी हिली के दाथमा दीदी तरे नवराज्य के हो मदन का किम नचाल्यो मुकनेनावै दिजक दो ते क है माजमा हरैजाप करवा कालेकरुं राजादारमे दिन दाबीदारी दीओ रातीक है । मदन का सेलीने फजनकी व्यवसाय निकलनालीको १० निराली है एक नारी विर बै तेरा चिटी सिंघनो रूपजीव्यों के हनी मदन का तिउपर मिली व्यो । है नजाऊथे को राजी है। याजनपदा सबै भूला वा तनथा स काले कन्दस्तु (राजाद्वार मेदिनदले बारो लीक रै ते स्त्रीवृद्लीथीन मानोन दयदेबी मदन एस रखा जागों मन मे जा पोचं मानी तरुनोरिसिंघ तेदे 5 तिमनासी जादा जिमरा दिया करवडे १२ वलिराणीक एक स्त्री प्रतिवर रात्री नै समेठीणले मासामी दीगर जादा जागतिक देव्हिंग मदनका क हे एने मेजको शलीकडे श्राश्रीयश्री चोपडबेज स्पा ने मादेन तर कलि दे स्पातिर मे दिन राजावी नारो दीनों दनका (बैरालीक से चंद्रमावादमृग नैनादप्यारो लागो मन में जा एपी जेएलेना दनो बे तेथे नैतोरात्र निमतरतासाथ विनासकरून १२ दलिए लीक है एकल नगरेएक बिबट रियान घरे स्त्री ते घामांदिया या एक विस्तादांदी मानौ मुख उद्यामी जोयांदिलाल गीउनीदेव रूर हामी माहरा गया क दिन मदन का तेल कि मजाएं निवारक देख ही जकको रोलीक है । यानतो श्री वीतरागनागाणा वैदिक दिस्। राजा च दमे दिनवशरोदी से मदन के सानन तेस्त्रनिघडोकाचरे ऊत्तों ते माथी तूबकि गीगाठ करता ते ऐ नदीगते कारण मनवीर अचरजका रीता क दी जीत मने इसकी को दिनबी जीसो काम करे एवंताशी प्रात्लो भरतार को सीली रहने पर पावडे राजकाजस मुकाम चिंता बिपनी हाले । एह वैसमै कनक मंजरी राली बै सिकामध्शनसमै खादा समादी उनी बै सिदा एकेनी देवी | जीव ने उपदेश देने प्ररेजीतिमान कर किली एक एप श्रीमंपदा एमी एरायनायान एसीले गार मुकी ने मूलगो योताना देसार र हरी बीन रोबोने का सीनी मेडपीत जनाउ गनीयां इत् दिन सादी सन्मान[रहरी जीतू ने अतिदो । अरे जी का राजनी६ि सन्मान कमी गर्व नकरा कोक्षमकरी तादरै मूलगो वे शतोल्दीन है। जो गर्नकर सीतो राजा । ग्रह
SR No.650014
Book TitleUttaradhyayana Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages248
LanguagePrakrit, Marugurjar
ClassificationManuscript & agam_uttaradhyayan
File Size138 MB
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