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________________ तेलिदेदता च्यात्तिोरो तिवारेस्त्रीनीदात कुही देवताक है चित्यामत करो। एकनाले ६० सातारासीमा सकेसी देशनानश्री अरे देवता नीसा नि गर्भ सीन इकरमीमा माया तमुक्यौ थोडा दिना मेमोटाथमा मा देवानीमामारी मेयो दनवासीयां दिबेस रोगवै । एकास मे कुमारने प्रथ्वी देश जोदा नीमन स्पाथइ विज्ञानाज्ञा सर्वत्रच साधेोक कारन लेने तू मजो दतादिता] पर्वत उत्तराध्ययनो देवीदणी | एर्वर्तनी रख्या की जै। तो १० यो जनता इबाइ बी लीों मतो करी सर्वनाशदेहरल श्रीबाई बिरामी रलना सद्दे ता साहा जारी वैतिलेकरी दस सोजन इनकी निहा व्यंतराना तत् ममा जिपमा जागीरथ्वी के देवतानाची पागा, करैनागाधिराजराजि मरसगस्वस्तनापुत्र नदन दिया है। तदाश्वज्ञान जोदेर्वती बाजा पीकू कुमार सैनिक व फेक रोबो कुमरक है पतनीरव्याद झुलाबी तिहारे इवास हो न तीन ही बीया। इसको विका लैगयों कुमरलिज पूरी जैसी तिहारेति का गंगानो अनाहदलिने सितें बाइन रति मरनश्रीगंगानोवाट एलीहाल्योतिशस्तवन तानाजवून शलीनरवाला बजे देवता इ एासे पुकारकरीतीदार कोप्पो सामानीक इ६ नेवरीयो तेज्लन नेत्री करी को सदेष्यते ६० हजा २३ निनसाथमा तिहार साथ सामंत मे जी दिदा रानी एस गस्त में मुब किंमदेषामा स्पा लोच्यादेच्यतिमेदलिम अमीनो कारमा घोतिरेकरी जो यो अनर्थ तो जाली जाझ रानो सरकारी का दिने दारच तिमरो सगर निसमा इमकदीवरीराया। पोतेखानारूप करी | एक बाल कनोरु पत्रिका नीजी देहकरी राजानी सत्ताच्या नियामी दादा का करतोरा जा स आम राजाक देवू हमरो तक है राजन रामली मोहरा बैते राजान रामकीया वैद्यक है एक राजा क देते हते श्रीय जात वैद्यक हैदराबाद ते मंत्री पर ना निक बैंक मारके रावते किंमके हने घरेको इन मस्य वेदा से घर कातिया के सिवारसनगरसम्मा णते कुमार घरनीरा बन भीजी राजानेच्या दिको एकवारीराने विनिवगरे वैद्यक है। एट्ने मुलनाय का बकराजा समकालातो सोच मतकर तिवारै वि एक माह कालजार नताश्रीका इमोशनले कुश तिहार विश्क है मुक न तो देवेन 10 च्या हिदेवस्पाइम कही बात तलाव साथ रालोको विश्व री मरासनी सोदासन श्रीमामय दिदा विलासचेत थर्म करवा लागणेति श्रुतक तोषी जीतनाथजीत के देवासास पक्षाचा मृतदा लोकरीस मकामे वैसमै गंगान दिनोस जोकने व मकरदालागो तिहूनी कायादिते वैरा जलोकनी रय्याने उग्रा/देस में तागीरथ दे मरने करी गावाली पहली जाती कहता बेलागी र कालीले जीनागीरथी Qलकदी जै तागंगासागरतीर्थक लवालो के तकाजे नागीरथ राजा यो सगर कतश्री अजीतनाथ जी से दीव्यातीठी चारिखवाली के वलयोन पानी (बात्तर लावुईसवीयु वाली सिग तिता । जागीरथ राजा एक दाण्यानी गुरुनै वुबै ६० हजारसमका ले सुम्पा किंम तिरेग्यो नी गुरक है। एक दाप्रसादे श्री समेत सिवरया त्रातली सिंघ चाल्यो मार्गको इक निदा सोरा लि छाताचो रामु ६० हजार मिल संघटतामा तिदाएकी के प्रकार तो ति IG
SR No.650014
Book TitleUttaradhyayana Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages248
LanguagePrakrit, Marugurjar
ClassificationManuscript & agam_uttaradhyayan
File Size138 MB
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