SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 113
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जमिमश्री महावीरदेव सभी सातो के० कंदिल पुरनामानन उन्लेले जान दे दी ता० नामेस० संजय निनगरथीनीनी मिनिष् नामाराजा अमुब!! | तितरामोऽध्येनारेजी गरबा राजा ब०च रंगनी सेन्या पानबी इतियारसमण्डिशयल सार समझाएसम्म १७ ॥ कं विना रेण्या दिले बलवा दो / नामेसेजरनामे मिमुरलिगाए। हा अलिका गया०दा | २० २थनीच्यएका रा०याय की समुनीधि | सत्समस्तवरद्वारेपर २) मिष्टगनइब्रेरीन के० का दिल ुन गरम श्री सीताय पिके ब श्रीनीलकां सतिमज कांसहित म० मोटी ह सदित पर/२) ०घोडच सुधान के केसरी उद्यानन लाएका मे०मृगनैत० मासतु २६थ उस रा०गियालिए। स्ढाणियत देवाय ए सत्तासीएमदास ७० रिवरिश मिए बुनिशादया गया कंविचुडाए केसरी जीएमले मि एतावदेइरसमु ((49) तिहा अ० दिवइ के० केसरीनन्दा अगारतं तव सा०स्वाध्यायाध्यानादि ५० ध्यान नवबर या प्र०स बेकरी व्यात मं。न झा०धर्मध्यानध्यावैवैव तन्ते पुन पक्षधनसत कमानमहित का || चिद के सरंभ उद्याो एगारेत तो भूले सताय झालर्स जुसे' धम्म झा झिया यज्ञ फोन मेमदेमिझादाईश दिद्यासदेत्तिसाग मिल्टन वा० बैठ इमे ० ते मृगयामो०दिमा० छो है वो दि० दिनसो०ते दहा मि०मृगन अाएमारनै त० सिद्धा म० दिवैराजात तिहा थको रा०राजा पास मुनीयासई से ० तेराजान पान्देवश्च यात राजावी है तैय तोषको | राजानसिंह पादेबीम मिल्यास दे इसेन राहिले વડળમાંજાર આપઘર મનદીતં જોડાવું इ० मृत नीमोजली आसगउराया। विष्णुमागं मिसोत दिएमएनए मिला गारतवासीह ६सनतो માંસમૂવિન્સી) છ અન્યોનું વઘુીન | ત્રભુમીરા સોળની વિશ્વવાસો: ઇવેને યુ मंदार गिदेधिनुप्रास दिस खिलाएं अलगारससोनिदो दिए एवंदईपाए नगत संख छाडा गार झा०हरो न मिश्र रा०राजान इन नदी पतिवार पतीराजाच संजयराज देगा वोलावे | ॐ० सोप्पोथ सूर्यान नैदिन इन लातीन कात्यूत्तर करीना कन्याकु मेर थयो तेस्तू०प **** ਚ कुमुनी १८ 2000 गारोमा ढनाम ६० दिवैमो० मोना सोचते नजसंपूज्य एगारेझाएमस्सिए रामा रान वमिमं ते इतरायानय हुए संजच्हमिस्सीति जगवंदाहरा हिम देते ० नय २० देशजमूत्र०ा भूमिदान | ०मित्यमुपजी०लोक किं०क्रिम हिम्मान दिवश्व०स २०ज०जार बऊन दातारन०याय नइरिषद् प्रन्नाव झी अनयदानवा दिया। चलिये जीव लोगं नि । किहिसा एएस(सिए जयामई मोरोणसो नगर/ ० काम० चाल इम० मनुष्यनीको० गार कोडनद त्रागारेदिद्यनरको दिन । coo 49
SR No.650014
Book TitleUttaradhyayana Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages248
LanguagePrakrit, Marugurjar
ClassificationManuscript & agam_uttaradhyayan
File Size138 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy