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०गृद्स्य वस्त्राचा
समरसनातली
नोकरदार मेर
सरसर बब्रह्मचर्य दिव२० नि०सदा इ०स्वर ३० साफ़ ने धर्मनीतिमादरला आदारववर्ज मित्रा काकाले मसरे पीयनत्तण' खिष्पेमदादिह नदेरननिर (निजसो एरिब) 1 मल मिसंका ले सुनजी वण्डा चर्यने विजोर०२ | दि० क्विइसा सन्नरक केसा दिवारी नपर्यनइनिव सिंगान अजेयतीस सदा इन समाश्व मरश्ते सिन्स इस्तूिमानकर डिह बन चेरसिया दिसंपरिछा शरीरपरिमंड बेनचेररेन निरा सिगारजन लोस ५०पाचे प्रकार का कोन | निसइन्दर्ज आपसी स्त्रीजी की नीकथाममननई से० परिचाना०स्त्री | ततिम तेजनमनोहरमष्ट रसाधन नकरीव्याससहित उजश्ते मनोरम
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जन्मंयमयात्रा नीर्वादक रवां ना०यतिमात्रा नश्चार्थे १० कमीले
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नियम [देव] बिहेको म गुणे। निइसोरिए । २ । लीजा ईले त्यी कदाय मोरमा संथ वो वेदनारीणातासि इदियद रिस।११। मीनाको नारा दि०मीनोदम एकटतमीसु० ९०सरमनन्ट अतिमात्रा २ ० रीश्नी किवा मि०मन काव्योवीना कोमोशन० जे पुस सरु० बोगी ० स्त्रीनागी स्त्रीसंतेजामा खतवाननुकरं हादिक जीवाला बतथा "स्त्री"
०पाली
जोबन कन
एका स्त्री से प्रातेरेगा
कईयंस संगीस। दुसियनुसा सियासि एलीमेन
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मादाय तो गलनूसल मित्र का मनोगामामा नरमन्त्र जोरावर्जन (35० जी०ला नि० मदाइ दर्जइ सोना० स्थानक बदर्ज एकांत मन से ७ ३० वी आरामन भगदेबी ३० स्त्रीसहित स्थानकइत्यादि दो हजा का० कोमतो. तो एल लगाना ता० ताल घुटनासकारी सम मासाः ३० विभिव्यती एक मनोगे । निइसोवरिवार काशिसावि द्विद्या शिदा र सम्माराम निरहू करें। देवमाती देवता । नाहमसिं० ० नारी मेनकनम | इन जवाहर दान
गरे सिस्मादि संता जनमजद
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जिवनी कविता | कवीच्या आरापूर्वी वनस्पतीस सर्मनइविवि-रक्त अव तदि तम जी मने बेसमा स ममा सारीमा रामेर एदते। इन रसमा दिए ५ देवदा ९०ह्मवर्मपर्मज्ञ जन्तार्थ से पूर्व सिद्धा सिर्तमान काल सुनील निष्माऽकरश्रे०कस सीकर चा० एब्रह्मचर्य करी
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एसम्म भुवेनिश सास एजिएदेसिएल सिट सिझतिवाऐए। सिज्ञेि सति तदा दर तिरे ७॥ इतिबंनचेरसमा दिल सोलसमझय ६
गंधारकर रकम किंनरी सिमरा भीम कालेमा सिन्धुर्वे श्री स्पेन तिवरे । तिमको
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। डतय एलि दागत्। नाइ मंसंब स०मनोरम १ २०रादिकस गंगव्य नास्ता काफ सरुवेटायर सेफामेतदे श्री ता० ते स्त्री ना ई०डी० देवर |
बेनया रिनमंसंति एक रंजक रितिते रह तेषी सुधर्म स्वरोजी क है । श्री महावीर इतिश्री ब्रह्मनानी मो
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