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________________ बामपाकरा || ARRBHABiaaनिवेवपायनस प्रासपायपियवान महान शिवम सदाघरसया राक्षस३० २२७ शा३0 10.250 ध्या बेसमणे वकणे सनसनीय अग्रिदेसायासर्वप्रायनवम रिसस ससिरिस्क अरना अरिह त्रासचमुष उंचायण का॥ सहसा ग्राa देव देवराजा बाससामान्यका सहस्रदेवनाकद्यावय टारमात उचाना मामा माना स्मार समोरहातीसंघमवणंडावासहस्सरविंदस्वरमा तासंसामाणियसाहस्साता पार्श्वनाधरित बीस पल-॥ गृहस्वाशसमाहिरा इसाना गृहस्पेशकी पायती प्रवज्यापाम्या अमला सगज्य श्रीमहावी श्रण गा॥ परवा वासवछ। पंपासणंहासीसंदासारंगारवासमसिनागारातोश्रणमारियलिए समसगमहावीरनी नगरवस्वावासमारहव रहश्वसा वधानविष बासहरकाबासामासससस्त्रकया एणीयवसायगया। सीनश्यतीपणपाम्पा। नश्क।। यवधीसलाषनश्कावासाकद्यास वासलाइकनारकीनवीसपल्या यमनका संवासाम्रगारमावयवाणणसाएगधीर तीसरावाससहरमा पैमासरत तीसंपार दिविसातमीनरकविधाय। जीससागरापमया सुरतमारमाएपल्या अपश्मियवयकमनवमश्यकईदेवतानाजघन्यधीससागरोय कतलायकनारकीनी अपामास्विमिका मकसलाइकनास्विति मनाऊषामारस्वतःकहा। कही। सांप्रदेसनामाराधी प्रश्य सायर मुश्म समगेछयाणंडनीसंसागरोधमाशविर
SR No.650013
Book TitleSamavayanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorHirsundar Muni
PublisherJaiselmer
Publication Year1699
Total Pages248
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_samvayang
File Size130 MB
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