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________________ अरिहंतदेवात होमीर आपरजद पहातपत्र पाहिल शतवाति निरखतनाम स्पसा३ या रिसए कपडा वित२ alu अरददिवायदोरकरिए पेशालनिया पाहिलएसएतियानि वायंगरहार सच्चत्ता केरला अमन ३ निकषाटा १४ निधलाक निर्मम१६ चित्रगुप्त १५ समा६ि१६ या लिहोस्प३२ वविक्रतियो२२ अपिवणिक्कसतिटाश्याणिवलाएयणिसमेचिनगुने समादाय श्रागनस्माएको संबर १ अनीकाहरण्य र विजय विमान नामयाशावरना मातर पर विजयश्र, विमल मल्लना देवोरपात अत॥ अनविज अनंतवार्यता मांतर२२२३ य२४ मांतर २४ रकई संवाणियहीयाविनवाए विमल तियादेवीववाए। वारदाश्वयातविनएतिन२५ ५ एने एक सवास तरपिवनइ कवला आवतावत्यापि होय हीतानाचदिसाय एद चवीमतीकिरना नविषमतात्रिचनाम्पा बनावटीसंतरदेवासमिम कवाला बागमसाएदारकंविधम्मतिमादिस्यादपतसिपंचवीसाएकिकरण सवनी ३वासनाम धेयनाम टोम्प नेकदाइ अलिक सुपाम उद पाटिलच्यापागा निभजवली हा कातक संघ राजारवर कधार जाद६ बुझ्लविद्या चवीसनामधेछालविसति मणिपामउदपाहिलणगारे हाट कटा कनियसवयत DO विष
SR No.650013
Book TitleSamavayanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorHirsundar Muni
PublisherJaiselmer
Publication Year1699
Total Pages248
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_samvayang
File Size130 MB
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