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________________ मा या। सिसघयणपणावरिल समनायकमाकी मोहीनिलगिनिकमावामीनिकानिनिगिसंघयण पाचवायरलवकलाइयासमाजमा सामाया कारवाहविधीम्राष्ट्रीयasaइष्टविवीकायाकममध्यणीसगवनका पवित्यतिर्थवजागीयाजावासबव बबन संघयानकरी संघय लीक सध्यणतारिणतति एवेजाव घाण टाऊमारसिजाहिकिसटाणा (सबसथ्यगोपं एवजाद संघछिमपंचिदिटाति संघयणा कहिया गर्तव्यकांततिर्थ संघयणप्रकरी समलिममनु म। संघय गर्नक की मायकस्ता से संघयाणपण संघयणी पन। मनुष्यन कहतीक रिस्काजाणियनि गावच्छतियाविसंघटाणा संकिपमालाणसेवष्ट संघटाए गशवहतिटामसानविदेमध्य जहांकहती असुरकुमारसंध्य, मंतर ज्यातिषी मानिकदेवतापनि जिमीकह्याकिमजवारण जावा गोवाशिममसाय रोवसंघयाण गशवलियाम नदावरमारातावारणमंतराजीसिटावमाणिवायन शिवसंस्थान केतनश्नपज्यसुचामनाकार विशेष मानमानसमायापसबामहीअधिकाम छमामिश्कीसिघलाअवयवचउरखनक शजवानाति शम्राकारमा सेगमा श्रीasan कासगवतकदमागोतमश्कार हाश्रमायांगनेवारीरसंस्वानमाशिमयरिसलाअवयवमावाजवलसाक्षिसंवानवतवायाचार स्थानकातकहना समयसश्वसं स्वामरधानासिरिसथना स्पासिमवरसनणयुक्त वामध्यम से क्षिप्त रिम अवयं तव उरखनका जामासिहबि- नामजवरतहकजसैवानधन घालक गपितको खदेसात सहा दिसामणिमत सनचवरसगोपरिमल सादिएवाछवामा नियागतात वचनाहावयापाबालवा मांजवातवामनपलमा असुरजमारादिकदेवनासमच जिहालगिदनामानि शिवाननसंघाणधिवा रक्तपादोदकमध्यप्रमाणापे श्रीगतमवज्ञानारकामापूज्यकताणकामा मेस्मा ससंस्वानसंस्चितपन्नताकल्ली। कायनास्तमितकमा नमसंस्बानमसरियाम्पसेपास गवतकहा गौमममारकामसंवागीका । कयास्श्राव। स्वानसस्चितकही। किसकी गाटामा ऊबसघाए सुरऊमाईसमच्छरस संवायास विटाणिप्रतिदिन १५ RASISElsarasite
SR No.650013
Book TitleSamavayanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorHirsundar Muni
PublisherJaiselmer
Publication Year1699
Total Pages248
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_samvayang
File Size130 MB
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