SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 21
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पाठांतरेलीयान हिमती शिर्षहर महाधिवक्ष रम्यकपरपश्तवमादिाकारी एनस छाजेबहीपमाहिसा संशयनकर वृश्विविषय महाविदेह व पप्पशव सामर्यादा को मालावि वक्र क्षत्र रुपीपर्धनगण्यमश्वन नवासाकहताक्षत्रवान मनुष्य युगलीयाममा गडीयानकर्मभूमिमानुयुगलाया शहिमपति मुर्शदाको प्रयोदाका मोटाकलीवरी पर्वतावपि गया। कहा म शनिवधयवेव मालेबपनामनिरस्त्रप्रतिकाम ध्यान हिर निस'नीलक्ष्तसवीसी पदरजवाए वनडाहा रहे सिमहादिग्दरहरमलतपस्या रिशयन ऐश्वतमा रवीणमधापक्रय यस्यसमाजीयकर्म मासकुमनापरतानाणावरणायकमधामक्ष जहिया सतनाशकया सियु पक्षघायुश्माहमायकम कीमया हिमवनय-प-यू शदेसावरणीमरावदनायजा माहावितरवणे मजहन धनामकर्ममात्रकर्मध्यंतराथक यस हस्विरम याईमनाaupa-नीमा समा योडीarasमरकामaadक HिRARETHESE महाविद-वरकताछ मनिका यादिवई सासनपर्वहारिका मजमघादिकशासनदक्षिणारिकोकह्या सग। श्रनुरासदिकसानपश्चिमहाशिलतामा यात्सायापालरकाहकारक्षकासासवदिनिजाणादिनिजाणारजरुषसजनताका हारमसला है।ज्ञा काकया एनपश्चिमदिशिना भ्यायक रुपाण्श्या हिवाशासनमाललावदा शिशा महाश्यातजारमा दाक्षिणदारिया में अणुशहाप्रयासलनरकता पिण्याय पहाररुप निशादिकसानहारिका कांग॥ श्रीवारिक मानवनारिकायाचिनीमाहीमाणीSHSROG गरमध्यम सलउहाशा उतरदिशजाणहारउरुवनश्सलहाज्ञाशा नकवाक्षणारिकाध्यादिकसासनकंपरिमारि कास्दतिमामासातनशनकादिकाएहसूलमंतजारमा अवदारिया ये सियासतमरकतारमारिया शाहीतरसियाऽयासतमरकतमीस सपनापहिलानरकष्टनिकेतलाक नारकीम सातयल्याएममधामनाक बीजानरकटयानविषानारकीनाउन चीन विषय घकहान पोटासाप्पसारापुटार प्रवेश्याने या गन्ना किसाइघि समायण सुठवीय नरप्रयागंउकास
SR No.650013
Book TitleSamavayanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorHirsundar Muni
PublisherJaiselmer
Publication Year1699
Total Pages248
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_samvayang
File Size130 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy