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मीन समाक्षिम मध्यानयोग करीयुतका
समपरणा उप मुनिवर उत्तम ॥ जिममा पामई जिम५ तिविषयपति
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मनइविषई ॥ a
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इताल हूण समाहिं तमशारा जगताना विरुतमाङ्गतरेपादिति जहतरं तच विसयमा तर विमान करिस्पई मुनि जिम तकिरिया । पूर्वजकद्यानामेतत्र परिलाग संख्याता यह काचव्या क्रम संयत वा
मादकपदाचन।। शेवाईक होनहा
स्कातो या कमेण काहिति संजया जयवंत किरियं यतेत्रमय पदमा दिखजाद परिवादाय संवेद्यात्र
अनुयोगद्वार संख्यानी संग्रहागाई भ jaपक्रमादिका ग्रहणी केप गई।
एक स्कंधा देना अध्ययन दिसद्देशकाल नाश्रवसर
गदा संवेद्या संगीत मे गोतस्क दस गतिलिया इस उद्देस संख्याता ॥ घर जिदालगिएमा मूल गुन दे स्विकामिवियादि कमी।।
समुद्देशकाल कद्या ॥
नाली सावा सह का एईपरिमा लइ\\
संख्याती ॥ पदनांसह
एका लाट्सस मुद्दे सणकाला से खेद्याई एय् सहरसा प्ररूपणाचा व्यायनेक हीये ॥
कहीयइशा
में संरद्याणि अकराणा रण करण पाटिकादशा सेकित किस्पातेषमाकरन विपूर्वक विद्या नपी कोका अकतेचा विद्याल
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पदयात्राघविद्यति तादाते!! स किं तंपावागराणि पावा गारंपि
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